Nine Years Of Modi Government : आम आदमी से जुड़ी नौ योजनाएं, जानें आपकी जिंदगी पर इनका क्या असर पड़ा ?
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प्रधानमंत्री मोदी ने इन नौ सालों में कई कल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया। इसके जरिए आम लोगों को बड़ी राहत मिली तो कई तरह के सवाल भी खड़े हुए। आइए जानते हैं सरकार की नौ बड़ी योजनाओं के बारे में…
मोदी सरकार के नौ साल आज पूरे हो रहे हैं। 26 मई 2014 को उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इसके बाद 2019 में वे दोबारा प्रधानमंत्री बने। बीते नौ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं की शुरुआत की। इसका लाभ भी अरबों देशवासियों को मिला, लेकिन आज हम आपको उन नौ योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए आम आदमी की जिंदगी काफी बदल गई। आइए जानते हैं…
1. गरीब कल्याण अन्न योजना
कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की। इसके तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है। एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति देश के किसी कोने में इस योजना का लाभ ले सकता है।
योजना का असर: सरकार का दावा है कि इस योजना से हर साल करीब 80 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है। कोरोनाकाल में शुरू हुई योजना को पिछले साल मार्च में ही खत्म होना था। लेकिन इसे बढ़ा दिया गया है। इस साल केंद्र सरकार 2023 में एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय करेगी, जिससे गरीबों और अत्यंत निर्धनों के वित्तीय बोझ को दूर किया जा सके।
योजना को लेकर क्या सवाल हैं: राशन की क्वालिटी को लेकर भी विपक्ष हमेशा सरकार पर निशाना साधता है। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत समय पर गरीबों को राशन न मिलने का आरोप भी लगता है।
2. उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को इस योजना को लॉन्च किया था। योजना की शुरुआत में पांच करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था। बाद में इसे बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया। आठ करोड़ कनेक्शन मार्च 2020 तक दिए जाने थे। इसे सरकार ने सात महीने पहले यानी अगस्त 2019 में ही पूरा कर लिया। 2021-22 में एक करोड़ कनेक्शन और बांटने का लक्ष्य रखा गया। अगस्त 2021 में प्रधानमंत्री ने उज्जवला 2.0 की शुरुआत की। अब तक इस योजना के तहत 9.58 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
योजना का असर: इस योजना के तहत बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को फ्री गैस कनेक्शन बांटे गए। इससे सबसे बड़ा फायदा उन गरीब महिलाओं को हुआ, जो धुएं में खाना बनाने को मजबूर थीं।
योजना को लेकर क्या सवाल हैं: उज्ज्वला गैस योजना के असर पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है। कहा जाता है कि पहली बार तो गैस सिलेंडर मुफ्त मिलता है, लेकिन जब दूसरी बार भरवाने की बारी आती है तो इसकी भारी रकम की वजह से गरीब ऐसा नहीं करा पाते। हाल ही में एक आरटीआई में भी ऐसा ही खुलासा हुआ। इसमें बताया गया कि करीब 90 लाख लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना में मिले सिलेंडर को एक बार भी नहीं भरवाया। वहीं, 1.08 करोड़ लाभार्थियों ने पिछले एक साल में केवल एक बार सिलेंडर रिफिल करवाया।
3. पीएम किसान सम्मान निधि
छोटे और सीमांत किसान परिवारों (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक जमीन है) को इस योजना का लाभ मिलता है। योजना के तहत सरकार किसान परिवारों को सालाना छह हजार रुपये देती है। ये राशि तीन किश्तों में दी जाती है।
योजना का असर: सरकार की तरफ से मिलने वाली इस निधि से छोटे किसानों को काफी फायदा मिला है। इसके जरिए किसान आसानी से अपनी फसल तैयार कर पाते हैं। खाद, बीज, पानी और अन्य खर्चों को पूरा करने में मदद मिलती है।
योजना को लेकर क्या सवाल हैं: यूं तो इस योजना पर कोई सवाल नहीं उठता है, लेकिन कई बार विपक्ष इस राशि को बढ़ाने की मांग उठा चुका है।
4. आयुष्मान भारत
23 सितंबर 2018 को लॉन्च की गई यह स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत गरीब वर्ग के एक परिवार को पांच लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इसका मकसद है कि बीपीएल कार्ड धारक गरीबों को मुफ्त इलाज मिल सके। देशभर में ऐसे बीपीएल कार्ड धारक गरीब परिवारों की संख्या करीब 10 करोड़ है, जबकि 50 करोड़ लोग इसका फायदा उठा सकेंगे।
योजना का असर: आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक देशभर में 39 करोड़ से ज्यादा कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 10 करोड़ से ज्यादा गरीब इसका लाभ ले चुके हैं। खासतौर पर कैंसर और हार्ट संबंधी गंभीर बीमारियों का इससे आसानी से इलाज हो सकता है। अब इसमें मेंटल हेल्थ जैसे अन्य जरूरी बीमारियों का इलाज भी जुड़ चुका है।
योजना को लेकर क्या सवाल हैं: इस योजना पर फिलहाल कोई सवाल नहीं उठा है। हालांकि, धोखाधड़ी के कुछ मामले जरूर सामने आए हैं। इन मामलों में किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर कार्ड जारी कराकर सुविधाओं का लाभ लिया जा रहा है।
5. स्वच्छ भारत मिशन
इस मिशन के तहत 2014 से लेकर अब तक देशभर में 15 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए गए। दुनिया में अपनी तरह के इस सबसे बड़े अभियान के तहत 50 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ और उनके जीवन-स्तर में सुधार आया।
योजना का असर: स्वच्छ भारत मिशन का ही असर है कि आज देश के करीब एक लाख गांवों में लोग खुले में शौच करना बंद कर चुके हैं। सरकार ने 40 हजार से ज्यादा गांवों को उदीयमान श्रेणी में रखा है। ये वो गांव हैं, जो ओडीएफ होने के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रहे हैं। 11 हजार 217 गांवों को उज्ज्वल श्रेणी में रखा गया है। ये वो गांव हैं, जिन्होंने ओडीएफ के साथ-साथ सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी काम किया। 20 हजार 828 गांवों को उत्कृष्ट दर्जा दिया गया है। यहां की साफ-सफाई काफी सराहनीय है।
योजना को लेकर क्या सवाल हैं: विपक्ष का आरोप है कि इस योजना का कोई फायदा नहीं मिला है। आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं।
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