New Army Chief: चीन-पाकिस्तान दोनों का इलाज जानते हैं नए आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी, WAR MAP हो या LAC-LOC इन चीजों के हैं महारथी।
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लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को अगले थल सेनाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है. वह मौजूदा भारतीय सेना जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे.
केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को नया सेना प्रमुख नियुक्त कर दिया है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी फिलहाल सेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं. वो जनरल मनोज पांडे के 30 जून को रिटायर होने के बाद उनकी जगह लेंगे. गौरतलब है कि पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 31 मई को उनकी सेवानिवृत्ति से 6 दिन पहले ही एक महीने के लिए बढ़ा दिया था.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को जानिए
1 जुलाई, 1964 को जन्मे द्विवेदी सैनिक स्कूल, रीवा के पूर्व छात्र हैं. उनकी पहली तैनाती 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में हुई थी. बाद में उन्होंने उसी यूनिट की कमान संभाली. द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और US आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई पूरी की है. उनके पास स्ट्रै़टजिक स्टडी (Strategic studies) और मिलिट्री साइंस दोनों की मास्टर डिग्री है.
पांच उपलब्धियां जिनके दम पर नियुक्त हुए आर्मी चीफ
1.अपनी करीब 40 साल की जर्नी में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है. उनकी कमांड में तैनाती की बात करें तो वो 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान में एक्टिव रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को PVSM (परम विशिष्ट सेवा मेडल), AVSM (अति विशिष्ट सेवा मेडल) और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
2.नए सेना प्रमुख द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर ऑपरेशन एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है. लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर व्यापक परिचालन अनुभव है. उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्व पूरा करने के लिए बेहतरीन कौशल दिखाया.
3. वे डिफेंस पर मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M Phil) और स्ट्रैटजिक और मिलिटरी साइंस में दो मास्टर डिग्री होल्डर हैं. ऐसे में दुश्मन की चालों को काउंटर करने के लिए नक्शे पर रणनीति बनानी हो या पाकिस्तान सीमा (LOC) और चीन सीमा (LAC) पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना दोनों काम उन्हें बखूबी आते हैं. भारतीय थल सेना के उच्च अधिकारियों के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर (J&K) में काफी समय तक एंट्री टेररिस्ट ऑपरेशंस को भी अंजाम दिया.
4. चीन के साथ बीते कई सालों से जारी सैन्य बातचीत के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत का पक्ष मजबूती से रखते हुए चालबाज चीन की चालाकियों को काउंटर करते हुए भारत की ओर से दमदार जवाब दिया है. एलएसी पर जटिल सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ चल रही बातचीत में वो बीते कई सालों से लगे थे.
5. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने फरवरी 2024 में उप सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना की हर कमान को अत्याधुनिक बनाने और उसे नए-नए हथियारों से लैस करने के अभियान का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया और मेड इन इंडिया मिलिट्री उत्पादों को सेना में शामिल कराने के साथ उनके निर्यात के लिए भी विजन पेश किया.
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