नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    May 3, 2025

    NDA के किंगमेकर्स रख सकते हैं ‘विशेष राज्य’ की डिमांड, समझिए क्या होता है ये, कैसे राज्यों को मिलता है इसका फायदा ?

    1 min read
    😊

    लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे तो आ गए, लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया. जहां उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा इस बार भी अपने दम पर सरकार बना लेगी तो वहीं बहुमत के आंकड़े से वो 30 सीट पीछे रह गई.

    लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे तो आ गए, लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया. जहां उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा इस बार भी अपने दम पर सरकार बना लेगी तो वहीं बहुमत के आंकड़े से वो 32 सीटें पीछे रह गई. हालांकि एनडीए गठबंधन ने आसानी से बहुमत के आंकड़े को छू लिया और सरकार बनाने की दिशा में बढ़ रही है. भाजपा की अगुवाई में एनडीए ने जीत की हैट्रिक तो लगा ली, लेकिन इस बार सहयोगियों के सहारे सरकार चलेगी. टीडीपी और जेडीयू के भरोसे सरकार बनती दिख तो रही है, लेकिन इस बार सहयोगियों की डिमांड की लिस्ट भी लंबी और मोदी सरकार को असहज करने वाली हो सकती है. माना जा रहा है कि समर्थन के बदले जेडीयू बिहार के लिए और टीडीपी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग सकती हैं. ये तो स्पष्ट है कि तीसरा टर्म मोदी के लिए आसान नहीं है. पांच साल तक सहयोगियों के सहारे सरकार चलाने सरल नहीं होगा. बीजेपी अब तक को विशेष राज्य के दर्जें से दूरी बनाती रही है, अब उसके लिए असली परीक्षा है. आइए समझते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा क्या होता है, स्पेशल स्टेटस मिलने पर राज्यों को कौन की सुविधाएं मिलती है ?

    स्पेशल स्टेट की मांग
    माना जा रहा है कि एनडीए सरकार को समर्थन देने के बदले चंद्रबाबू नायडू अपनी मांगों की लिस्ट में आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग कर सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार को हमेशा से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं. अब समझते हैं कि स्पेशल स्टेटस का दर्जा होता क्या है और इसके मायने क्या है ?

    क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा
    बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल स्टेटस का दर्जा ऐसा राज्यों को दिया जाता है, जो ऐतिहासिक रूप से देश के बाकी हिस्सों की तुलना में पिछड़े हुए हैं. विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद से प्रदेश सरकार को कई तरह की छूटे और अनुदान मिलने लग जाते हैं. असल में देश में कई राज्य ऐसे हैं, जो भौगोलिक एवं सामाजिक-आर्थिक विषमताओं के शिकार हैं. इन राज्यों में ज्यादा दुर्गम पहाड़ी इलाके होने या फिर अंतरराष्ट्रीय सीमा होने के चलते उद्योग-धंधे में दिक्कत होती है. कुछ राज्य आर्थिक रूप से काफी पिछड़े होते हैं, जिसके चलते राज्य विकास की रफ्तार में काफी पिछड़ जाता है. ऐसे राज्यों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के स्पेशल एटेंशन की जरूरत पड़ती है. उन्हें विशेष राज्य का दर्जा देकर केंद्र की ओर से विशेष पैकेज, टैक्स में छूट जैसी राहत मिलती है, ताकि उन राज्यों में रोजगार, विकास, कारोबार का विकास हो सके.

    कब हुई विशेष राज्य के दर्जें की शुरुआत
    वर्तमान में देश में 11 राज्य ऐसे हैं, जिन्हें विशेष दर्जा प्राप्त है. खासबात ये है कि कांग्रेस की सरकार ने ही इन राज्यों को अलग-अलग समय पर स्पेशल स्टेटस का दर्जा दिया है. इसमें जम्मू कश्मीर, असम, नगालैंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, तेलंगाना, मिजोरम और उत्तराखंड हैं. पहली बार साल1969 में जम्मू-कश्मीर, असम और नगालैंड को यह दर्जा मिला था.

    विशेष राज्य के फायदे
    विशेष राज्य के दर्जा मिलने पर राज्य को कई फायदे मिलने लग जाते हैं. राज्य में चलने वाली केंद्र की योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी अधिक हो जाती है. केंद्र से वित्तीय मदद मिलती है. राज्य के उद्योगों को कर में रियायत मिलने लग जाती है. उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और कारपोरेट टैक्स में छूट मिलने लग जाती है. स्पेशल स्टेटस वाले राज्यों में एक्साइज और कस्टम ड्यूटीज, इनकम टैक्, और कॉरोरेट टैक्स में बड़ी राहत मिलने लग जाते हैं. केंद्रीय बजट के योजित व्यय का 30 फीसदी विशेष दर्जा वाले राज्यों के विकास पर खर्च किया जाता है. केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले फंड में 90 फीसदी अनुदान का होता है, जबकि सिर्फ 10 फीसदी कर्ज होता है, जिसपर राज्यों को ब्याज तक नहीं देना पड़ता है. जबकि बाकी राज्यों के मामले में यह 60 से 75 फीसदी है. विशेष राज्यों के लिए एक वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं किया गया धन आगामी सत्र के लिये संरक्षित कर लिया जाता है, जबकि बाकी राज्यों के साथ ऐसा नहीं होता.

    निवेश के रास्ते खुल जाते हैं
    विशेष राज्य में निवेश की संभावना बढ़ जाती है. दरअसल जैसे ही राज्य को टैक्स में छूट मिलेगी, इन्वेस्टर उस राज्य के लिए अट्रैक्ट होंगे. जिससे राज्य में निवेश बढ़ता है. विशेष राज्यों को एक्साइज, कस्टम ड्यूटीज, टैक्स में छूट मिलती है, जिससे कंपनियां उस राज्य की ओर रूख कर सकती है. हालांकि भारत में विशेष राज्य को लेकर खूब राजनीति भी होती रही है.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    6:15 PM