नौसेना: ‘आईएनएस जटायु’ को नौसेना में शामिल किया गया
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नौसेना प्रमुख की मौजूदगी में लक्षद्वीप में कार्यक्रम
मिनिकॉय (लक्षद्वीप): भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप के मिनिकॉय स्थित ‘आईएनएस जटायु’ बेस को बुधवार को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल कर लिया गया। फिलहाल भारत के रिश्ते चीन और मालदीव के साथ तनावपूर्ण हैं और इस नए नौसैनिक अड्डे से भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होगा।
आईएनएस जटायु अब नौसेना को पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती और मादक द्रव्य विरोधी अभियान चलाने में सक्षम बनाएगा। नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर. इस बेस को आज हरि कुमार के हाथों नौसेना में शामिल किया गया। कमांडेंट व्रत बघेल ‘आईएनएस जटायु’ की कमान संभालेंगे।
मिनिकॉय में कार्यक्रम के बाद बोलते हुए एडमिरल कुमार ने कहा, नए नौसैनिक अड्डे को ऐतिहासिक महाकाव्य रामायण के दल जटायु का नाम दिया गया है। रामायण में सबसे पहले जटायु ने सीताहरण का विरोध किया था। यह अपने जीवन को जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य को पहले रखने का एक आदर्श उदाहरण है। इसीलिए इस नौसैनिक अड्डे का नाम ‘जटायु’ रखा गया है। यह सुरक्षा, निगरानी और निस्वार्थ सेवा की भावना को श्रद्धांजलि है।’
”जटायु द्वारा भगवान राम को दी गई जानकारी से उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी मिली और उनकी खोज सफल रही। इसी तरह यह जहाज भारतीय नौसेना को पूरे क्षेत्र की वास्तविक समय की समुद्री जानकारी प्रदान करेगा। नौसेना प्रमुख ने आश्वासन दिया, ”पूर्व में आईएनएस बाज और अब पश्चिम में आईएनएस जटायु देश के हितों की रक्षा के लिए नौसेना की आंख और कान के रूप में काम करेंगे।”
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