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    April 23, 2025

    नेशनल सिक्योरिटी पर भी होगी पैनी नजर… Pixel-Digantara ने लॉन्च किए सैटेलाइट्स।

    1 min read
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    भारतीय स्टार्टअप ‘पिक्सल’ और ‘दिगंतारा’ ने पृथ्वी और उसका चक्कर लगाने वाली ऑब्जेक्ट्स की बारीकी से निगरानी करने के लिए अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स भेजा है. इसी के साथ ‘पिक्सल’ भारत की पहली निजी कंपनी भी बन गई है.

    स्पेस जोन में काम करने वाले दो भारतीय स्टार्टअप ‘पिक्सल’ और ‘दिगंतारा’ ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है. भारतीय स्टार्टअप ने पृथ्वी और उसका चक्कर लगाने वाली ऑब्जेक्ट्स की बारीकी से निगरानी करने के लिए सैटेलाइट्स भेजा है. ‘पिक्सल’ और ‘दिगंतारा’ स्पेसएक्स रॉकेट से अपने सैटेलाइट्स को प्रोजेक्टेड किया है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के लिए एक नए दौर की शुरुआत है.

    भारत पिछले दस सालों में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में से एक बनकर उभरा है. पिछले एक दशक में देश में टेक्नोलॉजी में जबरदस्त प्रगति हुआ.यही कारण इस सेक्टर में उद्यमियों की रूची भी बढ़ी है. इसी के साथ ‘पिक्सल’ भारत की पहली निजी कंपनी भी बन गई है, जिसके पास अत्याधुनिक ‘हाइपरस्पेक्ट्रल’ फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करने वाले उपग्रहों ( satellites ) का अपना ग्रुप है. इस फ्रीक्वेंसी से 150 से ज्यादा ‘बैंड्स’ में पृथ्वी का निगरानी किया जा सकता है.

    एग्रीकल्चर क्षेत्र में सबसे उपयोगी
    यह एग्रीकल्चर और रक्षा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोगी तकनीक है. ‘दिगंतारा एयरोस्पेस’ ने दुनिया के पहले कमर्शियल सैटेलाइट्स ‘स्पेस कैमरा फॉर ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग’ (एससीओटी) का प्रक्षेपण किया, जो सुरक्षित स्पेश ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए पृथ्वी का चक्कर लगाने वाली 5 सेंटीमीटर जितनी छोटी चीजों की निगरानी करेगा.

    पिक्सल बाकियों से 6 गुना ज्यादा चालाक
    स्पेस शिप क की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए अंतरिक्ष की बाहरी निगरानी बहुत अहम है, क्योंकि पृथ्वी के चारों तरफ की कक्षाएं आर्टिफिशियल सैटेलाइट्स के साथ-साथ अंतरिक्ष मलबे से भरी हैं. ‘पिक्सल’ के तीन ‘फायरफ्लाई’ सैटेलाइट्स 30 मीटर मानक से छह गुना ज्यादा होशियार हैं. ‘फायरफ्लाई’ इस वक्त दुनिया का सर्वाधिक रिजॉल्यूशन वाला प्रोफेशनल लेवल का हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह समूह है.

    पिक्सल का क्या है आगे का प्लान?
    कंपनी के फाउंडर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवैस अहमद ने ने बताया, “पहली बार पांच मीटर का हाइपरस्पेक्ट्रल मौजूद है. यही बात इसे न सिर्फ भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर सबसे अलग बनाती है.” ‘पिक्सल’ की योजना अगले दो महीन में तीन और भविष्य में 18 और ‘फायरफ्लाई’ सैटेलाइट्स प्रक्षेपित करने की है.

    नेशनल सिक्योरिटी से लेकर ट्रफिक मैनेजमेंट पर होगी नजर
    ‘इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ (आईएसपीए) के डाइरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने कहा, “पिक्सल के सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण महत्वपूर्ण कदम है.” दिगंतारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिरुद्ध शर्मा ने कहा कि एससीओटी का मकसद अंतरिक्ष सुरक्षा को बढ़ाना, ट्रफिक मैनेजमेंट को अनुकूलित करना और नेशनल सिक्योरिटी योजनाओं को बढ़ावा देना है.

    ‘एससीओटी’ सन ऑर्बिट से मौजूदा सेंसर की तुलना में ज्यादा चालाकी के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में चीजों का पता लगा लेगा. मौजूदा सेंसर मौसम की स्थिति, भौगोलिक सीमाओं और सीमित दृश्य क्षेत्रों से बंधे हुए हैं. कंपनी के एक बयान में कहा गया, “इन पारंपरिक सिस्टम्स के उलट, ‘एससीओटी’ अंतरिक्ष में मौजूद चीजों की लगातार निगरानी करता है और पांच सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं का पता लगाता है.”

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