नागपुर-गोवा शक्तिपीठ राजमार्ग के लिए आंदोलन शुरू? 850000000000 रुपए…
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शक्तिपीठ हाईवे एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अधिसूचना रद्द होने के बाद शक्तिपीठ हाईवे को एक बार फिर हरी झंडी मिल गई है।
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे: राज्य के किसानों ने नागपुर से गोवा तक बनाए जा रहे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का विरोध किया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले शक्तिपीठ हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द करने का निर्णय लिया गया। लेकिन अब शक्तिपीठ हाईवे को एक बार फिर हरी झंडी मिल गई है। राजमार्ग निर्माण गतिविधियाँ एक बार फिर शुरू हो गई हैं। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने सरकार के निर्देशानुसार परियोजना को शुरू करने के लिए पहला कदम उठाया है।
शक्तिपीठ राजमार्ग, जो 805 किलोमीटर लंबा है और जिसकी अनुमानित लागत 85,000 करोड़ रुपये है, नागपुर से गोवा तक समृद्धि राजमार्ग की तर्ज पर बनाया जाएगा। 12 जिलों से गुजरने वाले इस राजमार्ग से नागपुर से गोवा की दूरी 20 से 22 घंटे की बजाय 10 घंटे में तय की जा सकेगी। यदि यह राजमार्ग पूरा हो गया तो यह राज्य का सबसे लंबा राजमार्ग होगा। फिर, इस महत्वाकांक्षी राजमार्ग का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एमएसआरडीसी ने ठोस कदम उठाए और केंद्र व राज्य सरकारों को पर्यावरणीय मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा। उस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु अधिसूचना प्रकाशित करके भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की गई।
कोल्हापुर और सांगली में किसानों ने शक्तिपीठ हाईवे का विरोध किया है। शक्तिपीठ हाईवे के किनारे राज्य में 27 हजार हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने की योजना थी। किसानों ने इसे रद्द करने की मांग की थी क्योंकि इससे सैकड़ों एकड़ भूमि प्रभावित हो रही थी। कोल्हापुर और सांगली जिलों में विरोध बढ़ गया था। एमएसआरडीसी ने पर्यावरण संबंधी प्रस्ताव भी वापस ले लिया था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि परियोजना को कहीं भी रद्द नहीं किया गया है, तथा विरोध की स्थिति में संरेखण में बदलाव किया जाएगा और परियोजना को पटरी पर लाया जाएगा।
शक्ति पीठ राजमार्ग किस जिले से होकर गुजरने वाला था?
यह छह लेन वाला राजमार्ग राज्य के 12 जिलों से होकर गुजरेगा: वर्धा, नांदेड़, परभणी, धाराशिव, यवतमाल, हिंगोली बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग। इस राजमार्ग पर 26 स्थानों पर इंटरचेंज, 48 प्रमुख पुल, 30 सुरंगें और आठ रेलवे क्रॉसिंग होंगी।
शक्तिपीठ राजमार्ग द्वारा कौन से तीर्थ स्थल जुड़े हैं?
शक्तिपीठ राजमार्ग तीन शक्तिपीठों को जोड़ेगा – कोल्हापुर में करवीर निवासिनी अंबाबाई, तुलजापुर में तुलजा भवानी और नांदेड़ के माहुर में रेणुका देवी। इसके साथ ही, यह महान आयोजन दो ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों – परली वैजनाथ और औंधा नागनाथ से भी जुड़ा होगा। इसके अलावा पंढरपुर के श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर, नांदेड़ में गुरु गोविंद सिंह महाराज का गुरुद्वारा, सोलापुर का सिद्धरामेश्वर मंदिर और पट्टनकोडोली, कनेरी और आदमपुर के तीर्थ स्थलों को जोड़ा जाना था।
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