‘संगीत में हीलिंग की ताकत होती है’ इस तरह से ऋषभ रिखीराम शर्मा ने अपने डिप्रेशन से पाया छुटकारा और शुरू किया सितार फॉर मेंटल हेल्थ टूर
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बॉलीवुड गपशप: ऋषभ रिखीराम शर्मा इन दिनों अपने ‘सितार फॉर मेंटल हेल्थ’ इंडिया टूर पर हैं, जहां वे निओ-क्लासिकल म्यूज़िक, प्राचीन रागों और पारंपरिक संगीत को आधुनिक सोच के साथ मिलाकर श्रोताओं का दिल जीत रहे हैं। उनकी इस सोच से लोग जुड़ाव महसूस कर रहे हैं और संगीत के माध्यम से मानसिक सुकून पा रहे हैं। हाल ही में ऋषभ ने उस समय के बारे में बात की जब वे डिप्रेशन से गुजर रहे थे, कैसे सितार ने उस समय उनकी मदद की और कैसे संगीत की हीलिंग पावर उनके टूर का अहम हिस्सा बन चुकी है।
ऋषभ कहते हैं, “मुझे लगता है कि बातचीत बहुत ज़रूरी है। अपनी कहानी साझा करना उस चीज़ को सामान्य करता है जिसे समाज में अभी भी एक टैबू माना जाता है। उदाहरण के लिए, अगर मेरे हाथ में माइक है और लोग मुझे सुन रहे हैं, तो मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं ईमानदारी से अपनी कहानी बताऊं और उन चीज़ों पर बात करूं जिन्होंने मेरी मदद की है। बिना किसी झिझक के मैंने स्वीकार किया है कि मैं एंग्जायटी और डिप्रेशन से गुज़रा हूं — और आज भी गुज़रता हूं। यह कोई एक बार का अनुभव नहीं है। यह उतना ही सामान्य है जितना कि ज़ुकाम। डिप्रेशन कभी भी किसी को भी हो सकता है — बस हम इसके बारे में जानते नहीं हैं।”
वह आगे कहते हैं, “हालांकि अब मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, फिर भी लोग खुलकर इसके बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं। मुझे लगता है कि कुछ लोग मुझसे प्रेरणा लेते हैं और मेरी सलाह मानते हैं। मेरे लिए, सितार बजाना और संगीत में लीन होना मेरे लिए बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया। दरअसल, ‘सितार फॉर मेंटल हेल्थ’ टूर पारंपरिक भारतीय संगीत को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता से जोड़ता है और श्रोताओं को सुकून और शांति का अनुभव कराता है। संगीत में चमत्कारी रूप से हीलिंग की ताकत है — और यही वजह है कि मैं सितार से इतना जुड़ा हुआ महसूस करता हूं।”
वे कहते हैं, “जागरूकता का एक हिस्सा यह भी है कि लोगों को यह बताना कि अगर आप ठीक महसूस नहीं कर रहे, अगर आप उदास हैं, तो यह पूरी तरह सामान्य है। हमें इस बात को सामान्य बनाना होगा कि मदद मांगना बिल्कुल ठीक है — क्योंकि मैंने भी ऐसा ही किया था। अगर कोई किसी को रोल मॉडल मानता है, तो उस व्यक्ति की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वह उस स्थिति का सही इस्तेमाल करे — और समाज के भले के लिए।”
ऋषभ के शो में 18 से 80 वर्ष की उम्र के दर्शक शामिल होते हैं, जो न केवल संगीत की जादूई शक्ति का अनुभव करते हैं, बल्कि कार्यक्रम के अंत तक भावनात्मक रूप से प्रभावित भी नजर आते हैं। उनके संगीत को दर्शकों की ओर से स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला है, जिनमें बॉलीवुड हस्तियां और राजनीतिक नेता भी शामिल थे। दिल्ली और मुंबई में सफलतापूर्वक शो करने के बाद अब ऋषभ पुणे, अहमदाबाद, जयपुर, चंडीगढ़, हैदराबाद, इंदौर, बेंगलुरु और कोलकाता में भी अपने संगीत का जादू बिखेरने वाले हैं।
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