मुंबईकरो ने ली राहत की सांस, आरक्षित जल भंडारण से संबंधित राज्य सरकार का बड़ा निर्णय
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मुंबई: गर्मीयो का मौसम शुरू होने के देहलीज़ पर है। लेकिन उससे पहले ही मुंबईकरों पर पानी का संकट मंडरा रहा है। इस समस्या को मध्यनज़र रखते हुए ही राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सात बांधों में पानी की कमी के कारण मुंबई नगर निगम पूरी मुंबई में पानी की आपूर्ति 10 प्रतिशत कम करने की सोच रहा था। लेकिन भाटसा और उर्धवा वैतरणा बांधों में आरक्षित जल भंडारण को लेकर राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसले से मुंबईकरों को राहत मिली है। नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा है कि मुंबई में तुरंत पानी में कटौती की जरूरत नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने रिजर्व पानी के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है।
मुंबईकरों को तानसा, मोडक सागर, मध्य वैतरणा, ऊर्ध्व वैतरणा, भातसा, विहार आणि तुलसी इन बांधों पानी की आपूर्ति की जाती है। इनमें तुलसी, विहार, तानसा, मोडक सागर, मध्य वैतरणा नामक पांच बांधों का प्रबंधन मुंबई नगर निगम द्वारा किया जाता है। लेकिन भातसा और अपर वैतरणा का निर्णय राज्य सरकार का है। जब इन दोनों बांधों का निर्माण किया गया, तो मुंबई नगर निगम ने पूंजीगत व्यय में मदद की, इस प्रकार मुंबई को पानी उपलब्ध कराया गया। पिछले साल 7 बांधों में जल भंडारण 55 फीसदी था। इस वर्ष मात्र 43 फीसदी पानी शेष रह जाने से जलसंकट का संकट उत्पन्न हो रहा है।
1 मार्च से होने वाली पानी की कटौती से मुंबईवासी तनाव में थे। राज्य सरकार के फैसले से यह संकट टल गया है और मुंबईकरों ने राहत की सांस ली है। इस बीच भले ही 10 फीसदी पानी की कटौती को टाल दिया गया है, लेकिन पिसे के उदांचन सेंटर में आग लगने के कारण पूरी मुंबई में फिलहाल 15 फीसदी पानी की कटौती चल रही है और यह 5 मार्च तक जारी रहेगी।
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