मानसून अपडेट: मानसून के आगमन का दिन निश्चित हो गया है; तूफ़ान के बाद एक महत्वपूर्ण मानसून चेतावनी पर नज़र रखें।
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मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के मुताबिक सोमवार शाम को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में तूफानी हवाएं और बारिश देखने को मिली.
विदर्भ और मराठवाड़ा (कोंकण और मुंबई) में हुई बेमौसम बारिश कोंकण और मुंबई को भी पार कर गई और कई लोग फंस गए। मुंबई और उसके उपनगरों में, जहां नागरिक सोमवार सुबह से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे थे, दोपहर में अचानक मौसम बदल गया और शहर के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश हुई। कई स्थानों पर बड़े-बड़े पेड़ और होर्डिंग गिरने से दुर्घटना हुई। जब ये सब चल रहा था तो कई लोगों को लगा कि मानसून शुरू हो गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है.
मौसम विभाग की जानकारी के मुताबिक, अगले 24 घंटों में मराठवाड़ा के कुछ जिलों में तूफान, ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ कई जगहों पर बिजली गिरने की स्थिति रहेगी. यहां 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है. इस बीच मौसम विभाग ने दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में भी तूफानी हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई है. अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई शहर और उपनगरों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग का अनुमान है कि रात में हल्की बारिश होगी, कुछ जगहों पर गरज के साथ छींटे पड़ने की भी संभावना है.
मानसून के आने की तारीख तय हो गई है
आईएमडी और स्काईमेट के पूर्वानुमान के मुताबिक कहा गया था कि इस साल 8 जून तक मानसून देश में प्रवेश कर जाएगा। दरअसल, मौसम की समग्र स्थिति और हवाओं की संरचना को देखते हुए, ये मौसमी हवाएँ अधिक प्रभावी लगती हैं, और अनुमान है कि 19 मई के आसपास देश में मानसून आ जाएगा। मानसून की शुरुआत के दौरान यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण में प्रवेश करेगा, जिसके बाद यह केरल की यात्रा शुरू करेगा। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में मौसम में आए बदलाव को देखते हुए अगर मानसून तय तिथि से पहले ही देश और प्रदेश में दस्तक दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हां, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हाल ही में हुई बारिश मानसूनी बारिश नहीं बल्कि बेमौसम बारिश है।
मानसून को कैसे पहचानें?
हिन्द महासागर के दक्षिणी भाग में चक्रवाती स्थिति बनती है और ये हवाएँ उत्तरी दिशा में चलती हैं। पृथ्वी के घूमने के कारण ये हवाएँ मानसून की दिशा में मुड़ जाती हैं और अंडमान क्षेत्र में प्रवेश करती हैं। वहां इन हवाओं के कारण बादल बनते हैं और बारिश होने लगती है. अंडमान में करीब 24 घंटे तक हुई इस बारिश के बाद माना जा रहा है कि देश में मॉनसून ने दस्तक दे दी है.
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