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    April 22, 2025

    मोदी या मनमोहन! किस सरकार में कितने लोगों को मिला भारत रत्न पुरस्कार?

    1 min read
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    भारतरत्न पुरस्कार: मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की. आदिवासी और दलित समुदाय के लिए किए गए कार्यों को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार की घोषणा की गई है। इस मौके पर मोदी हो या मनमोहन सरकार, कितनों को भारत रत्न पुरस्कार मिला इस पर चर्चा हुई है.

    केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है। कर्पूरी ठाकुर दो बार बहार के मुख्यमंत्री रहे। उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती के अवसर पर लिया गया यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करेगा, यह भारत रत्न पुरस्कार कर्पूर ठाकुर के अतुलनीय योगदान की विनम्र मान्यता है और समाज में सद्भाव बढ़ाएगा.

    किसके समय में कितने भारत रत्न?
    कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि नरेंद्र मोदी (मोदी) सरकार और मनमोहन सिंह (मनमोहन) सरकार के दौरान कितने लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार सत्ता में आई। इसी साल देश के दो दिग्गजों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इनमें से एक नाम था महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और दूसरा नाम था वैज्ञानिक नागेश रामचन्द्र राव यानी सीएनआर राव. लेकिन कांग्रेस काल में सचिन तेंदुलकर और सीएन राव को भरतनाट्यम पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी.

    2004 से 2014 तक दस साल तक केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार रही. इस दौरान तीन लोगों को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें पंडित भीमसेन जोशी (2008), सचिन तेंदुलकर (2014) और सीएनआर राव (2014) शामिल हैं। तो मोदी सरकार के दौरान छह लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

    शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई से
    मोदी सरकार ने सबसे पहले 2015 में भारत रत्न देने की घोषणा की थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह सम्मान मिला. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर जाकर उन्हें सम्मानित किया था. उसी वर्ष स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू महासभा नेता मदन मोहन मालवीय को भी भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की गई।

    2019 में अवॉर्ड से चर्चा
    2019 में मोदी सरकार ने भारत रत्न पुरस्कार के लिए 3 नामों की घोषणा की थी. इसमें प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका शामिल थे. इन तीन नामों में सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम की हुई. प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद देश का ध्यान इस बात पर था कि कांग्रेस की भूमिका क्या होगी. लेकिन कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया. कांग्रेस ने कहा था कि पंडित नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल के विचारक रहे प्रणब मुखर्जी का सम्मान गर्व की बात है.

    मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक
    23 जनवरी 2023 बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मोदी सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। मोदी सरकार का यह फैसला मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है. इस घोषणा से बिहार की राजनीति में सनसनी मच गई है. मोदी सरकार के इस फैसले ने बिहार में पिछड़े वर्ग को आकर्षित किया है. इसका परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

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