सरकारी कंपनियों पर यूं नहीं फिदा है मोदी सरकार, 9 सालों में 82% की हुई तरक्की, ₹17.33 लाख करोड़ पर पहुंचा नेटवर्थ।
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सरकारी कंपनियां देश की तरक्की में बड़ा योगदान दे रही है. मोदी सरकार सरकारी कंपनियों पर यूं ही गर्व नहीं करती, इसके पीछे वो आंकड़ें हैं, जो सरकार को मौका देती है.
सरकारी कंपनियां देश की तरक्की में बड़ा योगदान दे रही है. मोदी सरकार सरकारी कंपनियों पर यूं ही गर्व नहीं करती, इसके पीछे वो आंकड़ें हैं, जो सरकार को मौका देती है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन आंकड़ों की बात की, जिसे जानकर आप भी देश की इन सरकारी कंपनियों पर गर्व करेंगे.
सरकारी कंपनियों की बढ़ी कमाई
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बताया केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई) की नेटवर्थ में बड़ी बढ़ोतरी हुई है. वित्त वर्ष 2023 तक इसका नेटवर्थ 82 प्रतिशत बढ़कर 17.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. ये आंकड़े 9 साल पहले यानी वित्त वर्ष 2014 में 9.5 लाख करोड़ रुपये थी. यानी मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकारी कंपनियां खूब फली-फूली हैं.
सीपीएसई का बढ़ा नेटवर्थ
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई) की नेटवर्थ वित्त वर्ष 2023 तक 82 प्रतिशत बढ़कर 17.33 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो कि 9 वर्ष पहले वित्त वर्ष 2014 में 9.5 लाख करोड़ रुपये थी. सीआईआई के पीएसई समिट को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि उत्पाद शुल्क, करों और लाभांश के माध्यम से राष्ट्रीय खजाने में सीपीएसई का योगदान दोगुना से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 2014 में 2.20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 4.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
पुरी ने आगे कहा कि इस दौरान सीपीएसई का मुनाफे में भारी उछाल दर्ज किया गया है. यह वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014 में 1.29 लाख करोड़ रुपये था. इसके अलावा समीक्षा अवधि में सभी 81 सूचीबद्ध पीएसई कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 225 प्रतिशत बढ़ा है. मंत्री ने पिछले दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के मजबूत प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि उनका योगदान भारत की आर्थिक स्थिरता और प्रगति में अभिन्न रहा है.
तरक्की का आधार
उन्होंने कहा, जब हम भविष्य की ओर देखते हैं, तो अगले कुछ वर्ष भारत की अगली छलांग के लिए आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण होंगे. केंद्रीय मंत्री ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक विजन की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें तीन प्रमुख सिद्धांतों, उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता, पर जोर दिया गया. स्थिरता पर भारत के फोकस के एक उदाहरण के रूप में, पुरी ने बायोएथनॉल मिश्रण में महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में बताते हुए कहा एथनॉल मिश्रण 2014 में 1.53 प्रतिशत था, जो 2024 में 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है.
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