बजट से पहले मालामाल हुई मोदी सरकार, मिल रहे हैं एक के बाद एक बड़े-बड़े चेक, एक दिन में हो गई ₹6481 करोड़ की कमाई.
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बजट से पहले मोदी सरकार का खजाना भर रहा है. एक के बाद एक सरकार को चेक मिल रहे हैं. सरकारी बैंकों की ओर से केंद्र सरकार को एक के बाद एक चेक मिल रहे हैं. एक ही दिन में सरकार को पांच बैंकों की ओर से मोटे चेक मिले हैं.
बजट से पहले मोदी सरकार का खजाना भर रहा है. एक के बाद एक सरकार को चेक मिल रहे हैं. सरकारी बैंकों की ओर से केंद्र सरकार को एक के बाद एक चेक मिल रहे हैं. एक ही दिन में सरकार को पांच बैंकों की ओर से मोटे चेक मिले हैं. बैंक ऑफ इंडिया ( Bank of India), केनरा बैंक ( Canara Bank), इंडियन बैंक (Indian Bank),एसबीआई (SBI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Maharashtra) ने सरकार को चेक सौंपे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने सोशल मीडिया पर इसकी फोटो भी शेयर की है. आब जानते हैं कि आखिर क्यों सरकारी बैंक सरकार को मोटी रकम के साथ चेक सौंप रहे हैं.
बैंकों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा चेक
बजट से पहले सरकार का खजाना बढ़ रहा है. पहले आरबीआई ने 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का डिविडेंड देकर सरकार की राहत तो इसके बाद पांच सरकारी बैंकों ने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपए का डिविडेंड डाल दिया है. बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक ने डिविडेंट के तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चेक सौंपा है. इन सरकारी बैंकों ने सरकारी संपत्ति में बड़ी रकम डाली है.
किन-किन बैंकों ने सरकार को दिया चेक
सबसे पहला चेक केनरा बैंक की ओर से सौंपा दया. बैंक ने 1838.15 करोड़ रुपये डिविडेंट के तौर पर सरकार को सौंपे हैं. केनरा बैंक के एमडी सीईओ सत्यनारायँ राजू ने वित्त मंत्री को चेक सौंपा. इसके बाद इंडियन बैंक ने सरकार को 1193.45 करोड़ रुपये का चेक सौंपा. तीसरा चेक बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से सरकार को सौंपा गया. बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2514.22 करोड़ रुपये का सौंपा. इससे पहले बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार को 935 करोड़ रुपये औप इंडिया एक्जिम बैंक ने सरकार को 252 करोड़ रुपये का चेक सौंपा. इन सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 21 जून को सरकार को 6959 करोड़ रुपये के डिविडेंट का चेंक वित्त मंत्री को सौंपा था. वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सरकार को डिविडेंड के तौर पर 857 करोड़ रुपये का चेक सौंपा था.
क्यों बैंकों ने सरकार को दिया पैसा
दरअसल जब सरकारी बैंक डिविडेंट बांटती है ,तो इसमें सरकार की हिस्सेदारी होने के चलते उनके खजाने में भी डिविडेंट की रकम पहुंचाती है. इस पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने हिसाब से खर्चों में करती है. इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार को डिविवेंड के तौर पर 2 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड सौंपा था. बैंकों और आरबीआई ने इन डिविटेंड से सरकालर को खर्च करने में आसानी होगी. सरकार को अभी कुछ और बैंकों की ओर से डिविडेंट मिलने वाले हैं. सरकार इन पैसों को विकास के कामों में खर्च करती हैं.
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