श्री. प्रवीण चांदगुडेजी की आर्थिक परिस्थिति के बावजूद सफल उद्योग बनाने का प्रेरणादाई सफर
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संघर्षो से घिरे घने अंधेरो की राह पर जो मेहनत की आग जलाकर आगे बढ़ते रहते है सिर्फ उन्हें सफलता का मुकाम हासील हो सकता है। श्री. प्रवीण चांदगुडे एक ऐसी व्यक्ति है जिन्होने अपनी राह पर आने वाली हर एक रूकावट को अपनी मेहनत से जलाकर राख कर दिया। एक एलिवेटर कंपनी में मिले नौकरी के साथ जो सफर शुरू हुआ वह आज ५० लाख से ज्यादा टर्नओवर की खुदकी एलीवेटर कंपनी तक पहुँच चूका है और हररोज़ आगे बढ़ रहा है।
श्री. प्रवीण चांदगुडे, एक साधारण किसान के घर जन्मे एक असाधारण व्यक्तिमत्व है। आर्थिक परिस्थिति काफी बिकट थी। माता-पिता मजदूरी करते थे। उनके परिवार की आर्थिक परिस्थिति उनके महज १८ साल की उम्र में पुणे शहर में काम ढूँढने जाने का कारण बनी। पुणे में स्थायी होने के बाद ७ साल तक उन्होंने एक एलीवेटर कंपनी में काम किया। इस दौरान उनके दिमाग में यह विचार निर्माण हुवा की ऐसे ही सिर्फ नौकरी करते रहने से कुछ नहीं होगा अगर सही में कुछ बड़ा करना है तो खुदका व्यवसाय शुरू करने के अलावा कोई भी दूसरा रास्ता नहीं है। पर घर की आर्थिक परिस्थति के कारण नौकरी छोड़ कर व्यवसाय शुरू करना काफी मुश्किल था। लेकिन उम्मीद और माता-पिता से मिले विश्वास के बलबुतेपर उन्होंने व्यवसाय करने का निर्णय लिया।
७ साल की नौकरी से अनुभव और पहचान व्यवसाय शुरू करते हुए काफी काम आए। साल २०१९ में ‘स्टार प्लस एलिवेटर्स’ के नाम से उन्होंने खुदका व्यवसाय शुरू किया। कंपनी शुरू करने से पहले उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पर उनके हौसले की वजह से उन दिक्कतों को झेलना और उनपर समाधान खोजना आसान रहा। २०१९ में जब ‘स्टार प्लस एलिवेटर्स’ की शुरुवात हुई उसी साल कोविड १९ की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया। इसी कारण व्यवसाय की गति काफी धीमी रही। कोविड १९ के वजह से लगे इस लॉकडाऊन ने काम की गति तो काम कर दी पर उनके हौसले में सिर्फ इजाफा होता रहा। २ साल चले लॉकडाउन में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पर उनकी मेहनत जारी रही। साल २०२३ में आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनके व्यवसाय ने गति पकड़ी। यह समय काफी प्रेरणादाई रहा।
आज ‘स्टार प्लस एलिवेटर्स’ पूरे उत्साह, मेहनत और लगन के साथ काम कर रहा है। संघर्षो से घिरे इस रास्ते पर आखिरकर प्रवीणजी के हौसले और मेहनत ने सफ़लता के दिए जला ही दिए। उनका यह सफर अनेक भावी उद्द्यमियोकेलिए एक प्रेरणा बन चूका है। हम रिसिल की ओर से उन्हें ढेर सारी शुभकामनाए देते है।
लेखक: सचिन जाधव
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