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    May 10, 2025

    मिलिए शेख हसीना की बेटी साइमा से, दिल्ली में रहती हैं, इस व‍िभाग में करती हैं काम.

    1 min read
    😊

    बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पीएम पद और आवास छोड़ने के बाद भारत आ गई हैं. उनकी बेटी साइमा भी भारत में ही रहती है और एक बड़े ऑर्गेनाइजेशन में काम करती हैं. जान‍िये कौन है साइमा और इंड‍िया में क्‍या कर रही हैं.

    बांग्‍लादेश में छात्रों के सुलगते आंदोलन के बीच शेख हसीना को अपने पीएम पद से इस्‍तीफा देकर तुरंत अपना आवास छोड़ना पड़ा. पीएम आवास ही नहीं, बल्‍क‍ि वह बांग्‍लादेश छोड़ कर इंड‍िया चली आई हैं. भारत में पहले से उनके पर‍िवार का एक सदस्‍य मौजूद है और वो कोई, बल्‍क‍ि उनकी बेटी साइमा है. साइमा इंड‍िया में अपने काम की वजह से है. वह WHO के दिल्ली मुख्यालय में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक के पद पर हैं. बता दें क‍ि इस पद पर न‍ियुक्‍त‍ि पाने वाली साइमा वाजेद, पहली बांग्लादेशी और केवल दूसरी महिला हैं.

    प‍िछले साल 1 नवंबर को द‍िल्‍ली में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया के सदस्‍यों की बैठक हुई थी, ज‍िसमें साइमा वाजेद को इस ज‍िम्‍मेदारी के लिए नोम‍िनेट क‍िया गया था. उसके बाद 23 जनवरी, 2024 को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी. अपनी नई क्षमता में, साइमा दिल्ली के केंद्र से 2 बिलियन से अधिक आबादी वाले 11 देशों में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयासों की देखरेख करती हैं.

    नहीं हुई मां से मुलाकात
    जब साइमा दिल्ली में कार्यभार संभाल रही थीं, तब उनकी मां शेख हसीना बांग्लादेश से नाटकीय तरीके से बाहर निकलकर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर रही थीं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक-दूसरे से बहुत करीब होने के बावजूद, दोनों की मुलाकात नहीं हुई.

    पेश से मनोवैज्ञान‍िक :
    साइमा पेशे से मनोवैज्ञानिक हैं और उन्‍होंने न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर के क्षेत्र में काफी काम क‍िया है. साल 2012 से, उन्होंने न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर पर बांग्लादेश की राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्षता की है. इस नई ज‍िम्‍मेदारी को संभाले से पहले साइमा, WHO में ही मानसिक स्वास्थ्य और ऑटिज्म पर डायरेक्‍टर जनरल की सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी हैं.

    पर्सनल लाइफ
    साइमा अपने पर‍िवार की इकलौती शख्‍स नहीं हैं, जो भारत के भीतर क‍िसी संस्‍थान के ल‍िए काम कर रही हैं. उनके प‍िता एम. ए. वाजेद भी भारत में काम कर चुके हैं. वो एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थे और बांग्लादेश के परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे. उन्होंने भौतिकी पर कई किताबें भी लिखीं. नई दिल्ली में भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग में उन्‍होंने काम किया था. 67 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया.

    साइमा के पत‍ि खांडेकर मसूर हुसैन मिटू भी बांग्लादेश के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से आते हैं. हालांकि, उनके बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम जानकारी है.

    साइमा का एक भाई भी है जो अक्‍सर व‍िवादों के घेरे में रहा है. उनके नाम साजिब अहमद वाजेद है. साज‍िब अमेरिका में रहता है और ब‍िजनेस करता है. वो बांग्लादेश अवामी लीग का मेम्‍बर भी है. साज‍िब को बांग्‍लादेश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सलाहकार के तौर पर रखा गया था. इस दौरान साज‍िब व‍िवादों से घ‍िरे रहे. उन पर 300 मिलियन डॉलर के लेनदेन से जुड़े भ्रष्टाचार का आरोप है.

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