मराठी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें? क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान।
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वित्त मंत्री ने आज बजट में संकेत दिया है कि अब से मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें मराठी में होंगी। आइये देखें निर्मला सीतारमण ने वास्तव में क्या घोषणा की।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी को राहत दी। 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगने की घोषणा से आम लोगों में खुशी है। इसके साथ ही उन्होंने इस वर्ष के केंद्रीय बजट में कई महत्वपूर्ण और बड़ी घोषणाएं भी कीं। कोई भी व्यक्ति शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए बड़ी घोषणा की गई। उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी। यदि विद्यार्थियों के पास उनकी अपनी भाषा में पुस्तकें होंगी तो उन्हें शिक्षा आसान लगेगी और वे उसे आसानी से समझ सकेंगे। इसके लिए निर्मला सीतारमण ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी भारतीय भाषाओं में पुस्तकों पर जोर दिया जाएगा। इसलिए यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि अब से मेडिकल और इंजीनियरिंग की किताबें मराठी में होंगी।
बजट में शिक्षा के लिए क्या प्रावधान है?
सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे छात्रों को नये और आधुनिक कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार के अवसरों के लिए अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लिया है। आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में 6500 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है।
केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के लिए भारी प्रावधान किया है। इससे अधिक संख्या में छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह प्रावधान देश में अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करने में सहायक होगा। पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में बढ़ी मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अगले वर्ष 10,000 अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराने की घोषणा की है। ये अतिरिक्त सीटें छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अधिक अवसर प्रदान करेंगी तथा उनके कैरियर के मार्ग को व्यापक बनाएंगी।
केंद्र सरकार ने 5 वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में 75,000 अतिरिक्त सीटें भरने की योजना पेश की है। इससे अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के नए अवसर मिलेंगे तथा शिक्षा क्षेत्र में उचित गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। शिक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने के लिए एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इससे विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षण विधियों का प्रशिक्षण मिलेगा तथा उनके कैरियर विकास को मजबूती मिलेगी। शिक्षा क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है। इससे छात्रों को शिक्षण, अनुसंधान और आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध होंगे।
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