उत्पादन क्षेत्र में कमी; फरवरी में पीएमआई 14 महीने के निचले स्तर पर आ गया।
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यद्यपि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर 2023 के बाद सबसे कमजोर रही, लेकिन देश के विनिर्माण क्षेत्र में समग्र गति फरवरी में सकारात्मक रही।
नई दिल्ली: भारत के विनिर्माण क्षेत्र में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं, फरवरी में नये ऑर्डरों में गिरावट आई है तथा समग्र उत्पादन में भी गिरावट आई है, जिससे यह 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जैसा कि सोमवार को एक मासिक सर्वेक्षण में बताया गया है।
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि हालांकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर 2023 के बाद सबसे कमजोर रही, लेकिन देश के विनिर्माण क्षेत्र में समग्र गति फरवरी में सकारात्मक रही। विनिर्माण क्षेत्र में क्रय प्रबंधकों के सर्वेक्षण पर आधारित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी में 56.3 अंक दर्ज किया गया।
जनवरी में सूचकांक 57.7 अंक पर पहुंच गया जो 14 वर्ष का उच्चतम स्तर था। यद्यपि एक महीने के भीतर ही इसमें उस स्तर से तीव्र गिरावट आई, फिर भी यह 50 से अधिक अंकों के साथ ‘विस्तार’ क्षेत्र में बना रहा। उल्लेखनीय बात यह है कि, जबकि नये घरेलू ऑर्डर कमजोर रहे, फरवरी में नये निर्यात ऑर्डरों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। सर्वेक्षण में पाया गया कि इन महीनों में विनिर्माताओं को अपने माल की मजबूत वैश्विक मांग से लाभ हुआ है।
रोजगार सृजन दर सबसे अच्छी है
अंतर्राष्ट्रीय मांग ने कम्पनियों को क्रय गतिविधि बढ़ाने तथा अतिरिक्त श्रमिक नियुक्त करने के लिए बाध्य किया। भंडारी ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग एक तिहाई कंपनियों के अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में उत्पादन की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि फरवरी में रोजगार सृजन दर भी इतिहास में दूसरी सबसे अच्छी थी, जो जनवरी में दर्ज की गई दर से अधिक थी।
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