‘प्रेषण’ प्रक्रिया को तेज़, किफायती बनाएं; रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की भूमिका.
1 min read
|








आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि प्रवासी भारतीयों द्वारा देश में अपने रिश्तेदारों को धन भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए और इसके लिए ली जाने वाली फीस भी कम की जानी चाहिए।
नई दिल्ली:- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि प्रवासी भारतीयों द्वारा अपने मूल निवासियों को धन भेजने की प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए और इसके लिए ली जाने वाली फीस भी कम की जानी चाहिए।
भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए ‘रेमिटेंस’ के महत्व को व्यक्त करते हुए दास ने कहा कि ‘रेमिटेंस’ कई उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए शुरुआती बिंदु बन रहा है। इससे सीमा पार दो लोगों के बीच वित्तीय लेनदेन में मदद मिल रही है। ‘प्रेषण’ के लिए लगने वाले शुल्क और समय को काफी कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ‘रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट’ (आरटीजीएस) लेनदेन का दायरा बढ़ाने और उसके जरिए डॉलर, यूरो, पाउंड जैसी वैश्विक मुद्राओं का इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए व्यापक द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते करने होंगे।
भारत और कुछ देश ‘प्रेषण’ प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पहले ही द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौते कर चुके हैं। इसमें ‘नेक्सस’ प्रोजेक्ट शामिल है। यह सीमा पार खुदरा लेनदेन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पहल है। ये लेनदेन स्थानीय भुगतान प्रणाली की मदद से किए जाते हैं। इसमें सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, श्रीलंका और नेपाल जैसे देश शामिल हैं। दास ने यह भी बताया कि ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी’ (सीबीडीसी) यानी डिजिटल रुपये के जरिए ‘रेमिटेंस’ की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रैफिक भारत में है
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों के रेमिटेंस यानी ‘रेमिटेंस’ में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है और यह सभी देशों को पीछे छोड़ते हुए अब दुनिया में 11,100 करोड़ डॉलर के उच्चतम वार्षिक स्तर पर पहुंच गया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड का अनुमान है कि वैश्विक सीमा-पार प्रेषण 2027 तक 250 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर जाएगा।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments