महारेरा की बड़ी कार्रवाई! राज्य में 1950 परियोजनाएं निलंबित; बिल्डरों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए।
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महाराष्ट्र रियल एस्टेट अथॉरिटी (महारेरा) ने एक बड़ा फैसला देते हुए उन हजारों डेवलपर्स को झटका दिया है जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
भवन निर्माण पूरा होने और मकान सौंपने की तिथि बीत जाने के बाद भी महारेरा में कोई जानकारी अद्यतन न करने वाली परियोजनाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र रियल एस्टेट अथॉरिटी (महारेरा) ने 10,773 परियोजनाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इनमें से 1950 परियोजनाएं स्थगित कर दी गई हैं। इन डेवलपर्स के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। परियोजना से संबंधित लेन-देन पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इसके अलावा, अगले चरण में कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने वाली 3499 परियोजनाओं के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कितने लोगों ने नोटिस का जवाब दिया?
पिछले महीने उन परियोजनाओं को नोटिस भेजे गए थे जिन्होंने समय पर काम पूरा नहीं किया था। प्रतिक्रिया के लिए निर्धारित 30 दिन की अवधि के भीतर कुल 5324 परियोजनाओं ने प्रतिक्रिया दी। इनमें से 3517 परियोजनाओं ने ओ.सी. प्रस्तुत कर दिए हैं, जबकि 524 परियोजनाओं ने विस्तार के लिए आवेदन किया है। प्रतिक्रिया दस्तावेजों की जांच अभी चल रही है।
किस जिले में कितनी परियोजनाएं रद्द की गई हैं?
जिन परियोजनाओं को निलंबित किया गया है उनमें सबसे अधिक 240 परियोजनाएं रायगढ़ में हैं। इनमें से 204 परियोजनाएं ठाणे में हैं। इसके अलावा, नवी मुंबई और उसके उपनगरों में 11 परियोजनाएं निलंबित कर दी गई हैं। पालघर में 106 परियोजनाएं निलंबित कर दी गई हैं। मुंबई में 51 परियोजनाएं स्थगित कर दी गई हैं। जिलावार, छत्रपति संभाजीनगर, रत्नागिरी नागपुर और अहिल्यानगर में एक-एक परियोजना रद्द कर दी गई है। ठाणे में 2 परियोजनाएं रद्द कर दी गई हैं। सतारा और कोल्हापुर में तीन परियोजनाएं रद्द कर दी गई हैं। नासिक और मुंबई उपनगरों में चार-चार परियोजनाएं रद्द कर दी गई हैं। पालघर में 5 परियोजनाएं रद्द कर दी गई हैं। रायगढ़ में 6 परियोजनाएं रद्द कर दी गई हैं। रद्द की गई परियोजनाओं की अधिकतम संख्या 14, पुणे में हैं।
वास्तव में कार्रवाई कैसे की जाती है?
महारेरा में पंजीकरण करते समय प्रत्येक डेवलपर यानी बिल्डर को प्रस्तुत प्रस्ताव में परियोजना पूरी होने की तारीख का उल्लेख करना होगा। यदि परियोजना निर्धारित तिथि तक पूरी नहीं होती है, तो डेवलपर को विस्तार प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके अलावा, यदि परियोजना शुरू करने से पहले कोई समस्या आती है, तो आवेदन को रद्द करने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके अलावा, महारेरा से पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के बाद, डेवलपर्स को तिमाही और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। ऐसा न करने पर परियोजना को निलंबित कर दिया जाएगा अथवा परियोजना को महारेरा द्वारा निलंबित कर दिया जाएगा। डेवलपर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाती है। जिला रजिस्ट्रारों को भी निर्देश दिया गया है कि वे इस परियोजना में मकान खरीद-बिक्री के लेन-देन का पंजीकरण न करें। परियोजनाओं के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
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