महाकुंभ में ‘महाजाम’, सीमा पर अघोषित आपातकाल; नए यातायात नियमों के कारण श्रद्धालुओं को प्रयागराज से कितने किमी पैदल चलना पड़ेगा?
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माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) पर भीड़भाड़ कम करने के लिए मंगलवार (11 फरवरी) को सुबह 4 बजे से क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।
माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। छह पवित्र दिनों में से एक, पांचवें स्नान के लिए प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं के एकत्र होने की संभावना है। इसलिए संभावित स्थितियों से बचने के लिए यहां यातायात प्रतिबंध लगाए गए हैं। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) पर भीड़भाड़ कम करने के लिए मंगलवार (11 फरवरी) को सुबह 4 बजे से क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इसलिए अलग-अलग मार्गों के लिए अलग-अलग पार्किंग क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जहां शहर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने वाहन पार्क करने होंगे। यह यातायात व्यवस्था कल पूरे दिन लागू रहेगी। इसलिए, आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं को प्रतिबंधों से छूट दी गई है। ये प्रतिबंध संगम के निकट एक निश्चित अवधि तक रहने वाले कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू होंगे।
सोमवार रात पुलिस और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। योगी आदित्यनाथ ने एक सुव्यवस्थित परिवहन और भीड़ प्रबंधन योजना बनाने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को 5 लाख से अधिक वाहनों की उपलब्ध पार्किंग क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के निर्देश दिए। “सड़कों पर वाहनों की लम्बी कतारें नहीं लगने दी जानी चाहिए।” मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि, “यातायात जाम को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।”
8 से 10 किमी पैदल चलना
अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो आपको 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है। बॉर्डर से ही आपको शटल बस या ऑटो से प्रयागराज में प्रवेश करना होगा। वहां से महाकुंभ तक पहुंचने के लिए आपको 8 से 10 किमी पैदल चलना पड़ेगा। अन्यथा आप 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद ही प्रयागराज पहुंचेंगे।
यातायात नियोजन का यह निर्णय 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बाद लिया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भगदड़ में कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए।
अब तक 44.47 करोड़ श्रद्धालु अमृतस्नान कर चुके हैं।
भगदड़ के कारणों की जांच करने तथा एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग नियुक्त किया गया है। पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं। न्यायिक जांच के अलावा मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। विश्व का सबसे बड़ा समागम, महाकुंभ, 13 जनवरी को शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। 10 फरवरी तक कुंभ मेले में 44.74 करोड़ लोग आ चुके थे।
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