Loan on Unregistered Flat: अनरजिस्टर्ड फ्लैट खरीदने पर बैंक से लोन मिलेगा या नहीं? जानिए सारे नियम और प्रोसेस।
1 min read
|








Unregistered Flat Buying Guide: घर खरीदने के लिए ज्यादातर लोगों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है , इसी कारण लोग खरीदने से पहले बैंक लोन की तफ्तीश कर लेते हैं।
घर खरीदना एक बड़ा वित्तीय टास्क होता है , इसी कारण लोग घर खरीदने के लिए लंबे समय से प्लानिंग करते हैं , उसके बाद भी घर खरीदने के लिए ज्यादातर लोगों को बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है , चूंकि होम लोन लंबे समय के कर्ज होते हैं, इस कारण यह फैसला कई चुनौतियों वाला साबित होता है।
ये है सबसे बड़ा सवाल
घर खरीदने की बात करें तो शहरों में आज कल अपार्टमेंट या फ्लैट सिस्टम का चलन है , कई बार घर खरीदार ऐसे फ्लैट खरीदने का निर्णय ले लेते हैं, जिनमें फ्लैट अनरजिस्टर्ड होते हैं , घर खरीदने की योजना बनाते समय भी खरीदार के सामने अनरजिस्टर्ड फ्लैट के विकल्प आते हैं , इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल भी आता है, जो है कि क्या अनरजिस्टर्ड फ्लैट खरीदने के लिए बैंकों से लोन मिल पाता है।
अनरजिस्टर्ड फ्लैट होते क्या हैं।
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि अनरजिस्टर्ड फ्लैट होते क्या हैं , हर शहर में स्थानीय निकायों के तहत फ्लैट या प्रॉपर्टी को रजिस्टर कराने का प्रावधान होता है , प्रॉपर्टी की खरीद में रजिस्ट्री का प्रोसेस इसके लिए ही होता है , हालांकि हर तरह की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हो पाती है , रजिस्ट्री के लिए प्रॉपर्टी के साथ कुछ शर्तें जुड़ी होती हैं. उदाहरण के लिए- प्रॉपर्टी पर कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो गया हो , प्रॉपर्टी को बनाते समय कंस्ट्रक्शन के लिए स्थानीय निकायों के द्वारा तय किए गए नियमों का पालन किया गया हो आदि।
क्यों अनरजिस्टर्ड फ्लैट खरीदते हैं लोग
अभी के समय में देखें तो बहुत सारे घर खरीदार प्रोजेक्ट लॉन्च होते ही घर या फ्लैट बुक करा लेते हैं , उसमें बिल्डर सिर्फ खाका बताता है. यानी यह बताता है कि अमुक प्रोजेक्ट में कितने टावर होंगे , टावर में कितने फ्लैट होंगे, क्या-क्या सुविधाएं होंगी , खरीदार उसके हिसाब से बुकिंग करा लेता है और तैयार हो जाने के बाद उसे अपना घर मिल जाता है , अमूमन ऐसे मामलों में कीमत कम पड़ती है यानी तैयार घर खरीदने के मुकाबले अंडर कंस्ट्रक्शन या अंडर प्लान प्रॉपर्टी की कीमत कम पड़ती है।
इस तरह से लोन देते हैं बैंक
अब बात बैंकों से लोन की करें तो बैंक दो तरह के लोन देते हैं , एक होते हैं अनसिक्योर्ड लोन- जिसमें पर्सनल लोन , क्रेडिट कार्ड आदि आ जाते हैं , दूसरे होते हैं सिक्योर्ड लोन, जिसमें कार लोन से लेकर गोल्ड लोन और होम लोन आदि आते हैं , इस तरह के लोन में रकम और टेन्योर दोनों बड़े होते हैं , इस कारण बैंक लोन देने से पहले गहनता से परख करते हैं , बैंक जब इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं कि आपके पास कर्ज को चुकाने की क्षमता है और अगर आप नहीं चुका पाते हैं तब भी बैंक के पास अपने पैसे को रिकवर करने का विकल्प है , तभी लोन पास किया जाता है।
इस कारण बचते हैं बैंक
अब अगर फ्लैट अनरजिस्टर्ड है तो बैंक के पास इस बात का विकल्प नहीं रहेगा कि लोन नहीं चुकाए जाने की स्थिति में वह प्रॉपर्टी से रिकवरी कर ले , अनरजिस्टर्ड फ्लैट के साथ ये भी समस्या होती है कि उसका मालिकाना हक विवादित होता है , ऐसे में बैंक खरीदार को लोन देकर फंस सकता है , इस कारण अनरजिस्टर्ड फ्लैट पर बैंकों से लोन मिल पाना बहुत मुश्किल है।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments