एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के आखिरी सदस्य के चुनाव में एलजी vs मेयर, वोटिंग से पहले समझ लें नंबर्स गेम.
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एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के आखिरी सदस्य के चुनाव को लेकर एलजी एलजी वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी की मेयर शेली ओबेरॉय में ठन गई है.
दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्थायी समिति के 18वें सदस्य का चुनाव होना है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीती रात (गुरुवार) 10 बजे से पहले चुनाव हर हाल में कराने का आदेश दिया था. ऐसा संभव नहीं हो सका तो एमसीडी कमिश्नर ने आदेश जारी किया कि चुनाव शुक्रवार को दोपहर 1 बजे होगा. हालांकि, चुनाव से ठीक पहले मेयर शेली ओबेरॉय ने MCD कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे 5 अक्टूबर को चुनाव कराएं.
इससे पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह शुक्रवार के चुनाव का बहिष्कार करेगी. अगर 27 सितंबर को ही चुनाव होते हैं तो पार्टी कोर्ट जाने पर विचार करेगी. शुक्रवार को प्रस्तावित चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी की भूमिका मेयर शैली ओबेरॉय के बजाय एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र यादव निभाएंगे.
चुनाव को लेकर इतना टकराव क्यों?
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे पावरफुल बॉडी है. एमसीडी की ओर सभी अहम परियोजनाओं का प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी ही करती है. इसलिए, सभी दल चाहते हैं कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उनसके पक्ष में हो. एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिसमें से 17 सदस्य चुन लिए गए हैं. इनमें से भाजपा के 9 और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य हैं.
MCD का नंबर्स गेम
250 सदस्यीय एमसीडी का एक पार्षद इस्तीफा दे चुका है. सदन में AAP के पास 125 सीटें हैं, जबकि बीजेपी के पास 115, कांग्रेस के पास नौ. कांग्रेस और AAP ने इस चुनाव से दूरी बना ली है. यानी, सिर्फ बीजेपी के सदस्य ही वोट करेंगे. ऐसे में चुनाव एकतरफा हो गए हैं. AAP ने शुक्रवार को चुनाव होने की सूरत में अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
क्या बोले अरविंद केजरीवाल?
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘MCD के कानून में साफ-साफ लिखा है कि सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल मेयर को है, और किसी को नहीं है. उपराज्यपाल या कमिश्नर सदन की बैठक को नहीं बुला सकते और जब सदन होगा तब मेयर उसकी अध्यक्षता करेंगे… कल को तो ये लोग लोकसभा की अध्यक्षता गृह सचिव से करवाएंगे… दूसरा, कानून में लिखा है कि जब भी सदन बुलाया जाएगा उसमें 72 घंटे का समय दिया जाएगा… कुछ न कुछ साजिश की जा रही है… मुझे पता चला है कि मेयर ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने आज के चुनाव को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित कर दिया है…’
बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही : मनीष सिसोदिया
स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य के लिए होने वाले चुनाव से पहले AAP नेता मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी को भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी बताया है. उन्होंने चुनाव से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाजपा पूरी तरह से लोकतंत्र को तार-तार कर रही है. भाजपा लोकतंत्र, संविधान और भारत की आत्मा की हत्या के रोज नए-नए कारनामे कर रही है. गुरुवार को दिल्ली की मेयर ने चुनाव कराने की कोशिश की लेकिन भाजपा के लोगों ने इसे होने नहीं दिया. इस पर हमारी मेयर ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव की अगली तारीख तय कर दी. यह मेयर के संवैधानिक अधिकारों के अंतर्गत आता है.’
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा, ‘उपराज्यपाल ने कमिश्नर को आदेश दिया कि यह चुनाव रात 10 बजे तक पूर्ण कर लिए जाएं. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में चुनाव होना चाहिए. मेयर अनुपस्थित हों तो डिप्टी मेयर से चुनाव करवा लिए जाएं. डिप्टी मेयर न मिले तो किसी भी काउंसलर को पकड़ कर चुनाव करवा लिए जाएं. वहां पर बीजेपी के लोग रात भर बैठे रहे. बाकी सारे आप और कांग्रेस के काउंसलर अपने-अपने घर चले गए, लेकिन भाजपा के काउंसलर रात भर वहां बैठे रहे.’
सिसोदिया ने इस प्रक्रिया को देश के लिए खतरनाक बताया. उन्होंने कहा, ‘इसके बाद भगवान ने उन्हें बुद्धि दी. उन्होंने चुनाव टाल दिया. रात में 10 बजे चुनाव नहीं कराया. वह अब दोपहर 1 बजे तक चुनाव करवा रहे हैं. यह भाजपा का कोई षड़यंत्र है. इतने समय में क्या लुटा जा रहा है. कुछ तो है, जिसकी वजह से इन लोगों में इतनी बौखलाहट है कि रात में 10 बजे चुनाव कराने की जल्दी थी. अब इससे बड़ी लोकतंत्र हत्या क्या होगी, वह कह रहे हैं कि मेयर, डिप्टी मेयर, सीनियर काउंसलर को ही छोड़ कर एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर से चुनाव करवा लो. यह देश के लिए बहुत खतरनाक है. यह सब कैसे हो सकता है? दिल्ली नगर निगम चुने हुए लोगों की इकाई है.’
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