जानें क्या होता है बाढ़ जिहाद? किसपर लगा आरोप, 32 साल पुरानी कुंडली निकाल दर्ज होगा मुकदमा.
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आप सबने अब तक लव जिहाद, खाद्य जिहाद, जमीन जिहाद जैसे शब्दों को सुना, पढ़ा होगा, लेकिन क्या आपने बाढ़ जिहाद शब्द सुना है, आप सोच में पड़ गए होंगे, आखिर क्या है बाढ़ जिहाद, तो हम आपको बताते हैं कि बाढ़ जिहाद का मतलब क्या है, किसने इस शब्द का प्रयोग किया, बाढ़ शब्द का किसपर लगा है आरोप, जानें पूरी कहानी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ जिहाद शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया था. जिसके लिए बाढ़ शब्द का प्रयोग हुआ है, उसकी असम सरकार ने 32 साल पुरानी कुंडली निकाली है और मुकदमा दर्ज करने वाली है. तो आइए जानते हैं कौन है वह आदमी जिसपर लगा बाढ़ जिहाद का आरोप, क्यों दर्ज हो रहा मुकदमा, और क्या है बाढ़ जिहाद.
कुलपति पर मुकदमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार मेघालय के एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी. कुलपति पर 32 साल पहले राज्य के करीमगंज जिले से धोखाधड़ी से ओबीसी प्रमाणपत्र हासिल करने के आरोप है.
यूएसटीएम के कुलपति महबाबुल हक की बढ़ी मुश्किलें
शर्मा ने बुधवार को कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय (यूएसटीएम) के कुलपति महबाबुल हक ने 1992 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि उसी वर्ष एक शिकायत के आधार पर अगस्त 1996 में ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया था क्योंकि यह पाया गया था कि हक प्रमाणपत्र प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ करीमगंज के जिला आयुक्त को उसी समय उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया पर अब हम हक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेंगे.’’
कुलपति महबाबुल हक पर लगा बाढ़ जिहाद का आरोप
इस महीने की शुरुआत में शर्मा ने यूएसटीएम और इसके मालिक और कुलपति महबाबुल हक को गुवाहाटी में ‘बाढ़ जिहाद’ का जिम्मेदार ठहराया था. मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि संस्थान ने अपने परिसर में पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जिससे गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर जलभराव हुआ है. यह विश्वविद्यालय शहर के पास एक पहाड़ी पर स्थित है.
क्या होता है बाढ़ जिहाद?
असम में गुवाहाटी में आई बाढ़ को लेकर हिमंत सरकार को जबरदस्त आलोचना का सामना करना पड़ा था, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हालात को और खराब करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) को दोषी बताया था. सीएम सरमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम शख्स की प्राइवेट यूनिवर्सिटी ‘फ्लड जिहाद’ (बाढ़ जिहाद) फैलाने की जिम्मेदार है. एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के निर्माण ने प्राकृतिक जल प्रवाह को रोक दिया था, जिससे शहर में भयंकर बाढ़ की स्थिति हुई है.
पहाड़ को खोद डालने का आरोप
सरमा ने परिसर के निर्माण के लिए पहाड़ियों की बड़े पैमाने पर खुदाई के लिए USTM की आलोचना करते हुए कहा, “यूनिवर्सिटी ने अपनी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए एक बड़ी पहाड़ी खोद दी है. यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए मेघालय की 4-5 से ज्यादा पहाड़ियों को काटा गया है. सीएम सरमा ने कहा कि शहर में बाढ़ की वजह यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) है. ये यूनिवर्सिटी पड़ोसी राज्य के री-भोई जिले में मौजूद है.
यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं लगभग 6,000 छात्र
यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) साल 2008 में बनाई गई एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना महबूबुल हक ने की थी. वही यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति हैं. बता दें महबूबुल हक असम के बराक घाटी के करीमगंज जिले के बंगाली मूल के मुस्लिम हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस यूनिवर्सिटी में लगभग 6,000 छात्र पढ़ रहे हैं.
कितने प्रकार के होते हैं जिहाद?
अब तक आप लोगों ने लव जिहाद, खाद्य जिहाद, जमीन जिहाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहा है, बाढ़ जिहाद शब्द अबतक सामने नहीं आया था और न ही इस्तेमाल किया गया था. ये पहली बार है जब असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया है.
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