टीम से केजरीवाल के पांच सवाल; जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की ‘जनता की अदालत’.
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दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली सार्वजनिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
नई दिल्ली:- दिल्ली का मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ नामक इस बैठक में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से मोदी के कार्यों के बारे में पांच सवाल पूछे गए. इससे यह साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी ने भविष्य में बीजेपी को भ्रमित करने के लिए नई रणनीति बनाई है.
केजरीवाल ने अपने भाषण का सार इस तरह समझाया कि ‘क्या लड़का इतना बड़ा हो गया है कि अपनी मां को टोरा दिखा रहा है?’ इसके बाद केजरीवाल ने कथित पार्टी विभाजन, लोकसभा चुनाव से पहले नड्डा के बयानों आदि पर सीधे तौर पर सरसंघ नेताओं से सवाल किए। संघ और बीजेपी ने नियम बना दिया है कि नेताओं को पचहत्तर साल की उम्र के बाद रिटायर हो जाना चाहिए. इसी नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र आदि को रिटायर किया गया था. अब अमित शाह का कहना है कि ये नियम मोदी पर लागू नहीं होता. यह डाॅ. केजरीवाल ने पूछा, “क्या भागवत सहमत हैं?”
अन्ना हजारे के आंदोलन से लोकप्रिय हुए जंतर-मंतर का माहौल रविवार को ‘आप’ के नीले और पीले रंग से भर गया। केजरीवाल के मंच पर आते ही कार्यकर्ताओं ने ‘ना रुकेगा ना झुकेगा’ के नारे लगाए. बैठक में ‘हमारा केजरीवाल ईमानदार है’ लिखी तख्तियां दिखाई गईं। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से दुखी होकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है, उन्होंने कहा कि वह राजनीति में कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए आये हैं. केजरीवाल ने यह भी पूछा, ‘क्या मैं चोर हूं या वे चोर हैं जिन्होंने मुझे जेल भेजा।’ इस मुलाकात में उन्होंने पितृपक्ष खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री का सरकारी आवास छोड़कर नवरात्रि के दौरान आम लोगों के साथ रहने का वादा भी किया.
बीजेपी का भी प्रदर्शन
जंतर-मंतर से महज एक किलोमीटर दूर कनॉट प्लेस में बीजेपी ने केजरीवाल और आप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया. इन्हीं मुद्दों पर बीजेपी ने ‘राजघाट’ पर विरोध प्रदर्शन भी किया.
प्रश्न क्या हैं?
1 क्या अन्य दलों को तोड़ने, सरकारें गिराने का कार्य संघ को स्वीकार्य है?
2 क्या आडवाणी की तरह मोदी पर भी लागू होता है बीजेपी का रिटायरमेंट उम्र का नियम?
3 क्या राजनेताओं को बाद में पार्टी के साथ ‘भ्रष्ट’ मानने की बीजेपी की नीति स्वीकार्य है?
4 बीजेपी अध्यक्ष जे. पी। डॉ.नड्डा का बयान, कहा- पार्टी को अब संघ की जरूरत नहीं. क्या भागवत सहमत हैं?
5 क्या सरसंघ नेता बीजेपी की मौजूदा राजनीति से संतुष्ट हैं?
आगामी (दिल्ली) विधानसभा चुनाव मेरे लिए लिटमस टेस्ट होगा। अगर आपको लगता है कि मैं बेईमान हूं तो मुझे वोट न दें। -अरविंद केजरीवाल, नेता, आम आदमी पार्टी
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