अब गई कि तब गई जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी, आखिर किसने कर दी बगावत? भारत विरोधी कनाडा में कैसे मच गया कोहराम।
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भारत का विरोध करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कभी सोचा ही नहीं होगा कि एक दिन उनके ही देश में उनकी ऐसी भद्र पिटने वाली है. भारत को आंख दिखाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री की कुर्सी जाने के आसार दिखने लगे हैं. आइए जानते हैं आखिर किसने ट्रूडो के खिलाफ कर दी बगावत, कौन कुर्सी लेने की कर रहा बात. क्या है ट्रूडो के पास अब विकल्प.
कनाडा जो अभी तक भारत को आंख दिखा रहा था. अब उसकी खुद की कुर्सी जाने वाली है. आप सोच में पड़ गए होंगे. आखिर ये कैसे हुआ. तो आइए जानते हैं कनाडा में कैसे बढ़ा राजनीतिक संकट. कौन बना प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की राह पर रोड़ा. अब क्या है प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पास विकल्प.
कौन हैं जगमीत सिंह, जिन्होंने सरकार गिराने के लिए उठाया कदम
कभी जस्टिन ट्रूडो के सरकार में मलाई खाने वाला इंसान जस्टिन ट्रूडो की ही सरकार गिराने के लिए खड़ा हो जाएगा यह जस्टिन ट्रूडो ने तो कभी सोचा ही नहीं होगा. लेकिन यह सच है. और कनाडा में कोहराम मचा हुआ है. भारत विरोधी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो के पूर्व सहयोगी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने घोषणा की है कि पार्टी संकटग्रस्त कनाडाई प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार को गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.
खुला लिखा लेटर
जगमीत सिंह ने शुक्रवार को एक लिखे लेटर में इस बात की घोषणा की. जगमीत सिंह ने यह घोषणा ऐसे समय में कि है जब जस्टिन ट्रूडो पर पहले से ही पद छोड़ने का दबाव है. कनाडा के अगले संघीय चुनाव 20 अक्टूबर, 2025 से पहले होने हैं, जिसमें जनमत सर्वेक्षणों में विपक्षी कंजर्वेटिव के खिलाफ सत्तारूढ़ लिबरल की भारी हार की भविष्यवाणी की गई है.
पीएम पद छोड़ने की क्यों मांग?
खालिस्तान का समर्थन करने वाले जगमीत सिंह का कहना है कि मैं जस्टिन ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग कर रहा हूं. उदारवादी खुद से लड़ रहे हैं, जबकि कनाडावासियों को ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो उनके लिए लड़े. सिंह ने कहा कि कनाडाई लोग पहले से ही बढ़ती जीवन लागत और आवास चुनौतियों के कारण वित्तीय तनाव का सामना कर रहे हैं और इसके अलावा, ट्रंप के प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ से देश में कई नौकरियों के ख़तरे में पड़ने का खतरा है.
कनाडा की वित्त मंत्री किसके खौफ में पहले ही दे चुकी हैं इस्तीफा
कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को प्रधानमंत्री ट्रूडो की ओर से उन्हें कमतर पद दिए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि खर्च बढ़ाने की उनकी इच्छा कनाडा की उन टैरिफ से होने वाले नुकसान को झेलने की क्षमता को खतरे में डाल सकती है, जिन्हें अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगाने की धमकी दे रहे हैं.
जस्टिन ट्रूडो के पास क्या विकल्प हैं?
जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में सरकार बचाने के लिए बहुत सारे विकल्प नहीं हैं. लेकिन जिस तरह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप लगातार धमकी दे रहे हैं और जिस तरह सरकार के प्रति लोगों की राय बनती जा रही है. इससे आने वाले दिनों में बहुत ही अधिक मुश्किल होने वाला हो सकता है. तो जाने अब क्या बचा जस्टिन ट्रूडो के पास विकल्प?
इस्तीफा: जस्टिन ट्रूडो लिबरल प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए एक अंतरिम नेता का नाम बताएंगे. वे एक नए नेता का चुनाव करने के लिए एक विशेष नेतृत्व सम्मेलन भी आयोजित कर सकते हैं. हालांकि, अगर संघीय चुनाव सम्मेलन से पहले होते हैं, तो पार्टी को अपने सदस्यों द्वारा नहीं चुने गए अंतरिम प्रधानमंत्री के तहत चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
मजबूरन बाहर कर दिया जाए: एक उदारवादी नेता को एक विशेष सम्मेलन के माध्यम से चुना जाता है. इसलिए, अगर ट्रूडो रहना चाहते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए कोई औपचारिक पार्टी तंत्र नहीं है. हालांकि, अगर उनके अपने मंत्रिमंडल के सदस्य और बड़ी संख्या में विधायक उन्हें जाने के लिए कहते हैं, तो वे इस्तीफा दे सकते हैं.
विश्वास खोना: कनाडाई सरकार को यह दिखाना होगा कि उसे हाउस ऑफ कॉमन्स का विश्वास प्राप्त है. बजट और अन्य खर्चों पर वोट को “विश्वास उपाय” माना जाता है और अगर कोई सरकार हार जाती है, तो वह गिर जाती है.
गवर्नर जनरल द्वारा बर्खास्त: कनाडा में अंतिम शक्ति गवर्नर जनरल के पास है, जो राज्य के प्रमुख किंग चार्ल्स के प्रतिनिधि हैं. जबकि गवर्नर जनरल मैरी साइमन, सिद्धांत रूप में, ट्रूडो को हटा सकती हैं, अगर ट्रूडो को सदन का विश्वास प्राप्त है, तो उनके ऐसा करने की संभावना नहीं होगी.
अन्य तरीका: ट्रूडो की अल्पमत सरकार, जिसे पहले सिंह की एनडीपी का समर्थन प्राप्त था, अन्य दलों के समर्थन पर निर्भर हो सकती है. वैकल्पिक रूप से, ट्रूडो संसद को स्थगित कर सकता है, जिससे सदन की वापसी में देरी होगी, जो एक महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद 27 जनवरी को फिर से खुलने वाला है.
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