Journey from a small village to Mahindra & Mahindra – Balasaheb Sakhahari Tidke
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अनंत विप्पतियों से खींच लाए सफलता। बालासाहब की कहानी
व्यवसाय की यात्रा :
१९८६ में बालासाहब अपने चाचा के पास काम सीखने गए । १९९० तक वे कुकाना में रुके और बादमे वांबोरी गांव में ट्रैक्टर रिपेयरिंग का काम शुरू किया। एक दो साल बाद, किसी कारणवश, इन्हेब्ये काम बंद करना पड़ा । १९९३ में भेंडा फैक्ट्री में ज्ञानेश्वर चीनी कारखाने पर ट्रैक्टर रिपेयरिंग का काम करने की उनकी इच्छा थी । स्थानीय लोगो को मदद से उन्होंने कारोबार शुरू भी किया ।
१९९८ में बालासाहब और उनके भाई को सोनालिका ट्रैक्टर की तरफ से डीलरशिप मिल गई। बालासाहब वर्कशॉप संभालने लगे और उनके भाई बाकी काम।
व्यवसाय की सुरुवात :
बालासाहब की तकदीर में कुछ और ही लिखा था। साल २००३ -०४ में डीलरशिप में उन्हें १८ लाख का भारी नुकसान हुआ। इस नुकसान और हिस्सेदारी के होने के बाद , बालासाहब ने खुद का वर्कशॉप शुरू किया। सब सुचार रूप से चल रहा था। साल २००९ में , किसी काम से , अहमदनगर से आते हुए , एक सड़क दुर्घटना में उनका पैर फ्रैक्चर हो गया । उन्हे ६ महीने तक घर पर ही बैठना पड़ा। नेवासा फाटा पर स्थित एक शोरूम के मालिक अन्नासाहेब थोरे ने उन्हे अपनी शोरूम ज्वाइन करने की इच्छा जताई। कोई विकल्प न होना, और दोनो बच्चो की पढ़ाई के चलते, बालासाहब शोरूम जाने लगे। उन्होंने वहां , ६ महीने में ५० ट्रैक्टर बेंचे। महिंद्रा के महाराष्ट्र में महेंद्र शेवाले, राहुल कोटाने, भालचंद्र नीलगर, पाटोले काम देखते थे। उन्होंने बालासाहेब के बारे मे पूछताछ की । रिश्ता ऐसा बना, की आज भी महिंद्रा में उनको जाननेवाले बालासाहब को ‘ मामाजी ‘ बुलाते है।
साल २०११ -१२ में महाराष्ट्र सबसे पहला MASP ( महिंद्रा ऑथराइज्ड सर्विस प्वाइंट) भेंडा में खोला गया। तबसे लेके आजतक, बालासाहब का गुरुकृपा ट्रैक्टर्स एंड ऑटोमोबाइल्स, किसानों की सेवा करता आ रहा हैं। गुरुकृपा ट्रैक्टर्स में ओरिजनल पार्ट्स के साथ, हर महीने में दो बार फ्री सर्विस वर्कशॉप कैम्प लिया जाता है। गुरुकृपा ट्रैक्टर्स का महीने का टर्न ओवर लगभग ४.५ लाख और सालाना टर्नओवर ५० लाख तक जाता है।
बालासाहब के साथ गुरुकृपा ट्रैक्टर्स में और ६ कर्मचारी काम करते है। उनके बेटे अमोल और युवराज है।
भविष्य के प्लान :
वांबोरी ( राहुरी) में अपनी शाखा खोलने वाले है। इसके बाद अहमदनगर में २ और औरंगाबाद में १ शोरूम खोलने के विचार में है |
व्यवसाय की व्याख्या :
गुरुकृपा महिंद्रा ट्रैक्टर सर्विस सेंटर
बालासाहब मानते है ,किसानों की संतुष्टी ही उनकी पहचान है।
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