Jeevan : विलेन नहीं, हीरो बनना चाहते थे जीवन, पढ़ें बॉलीवुड के ‘नारद’ की जिंदगी का अफसाना ।
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Jeevan: बात जीवन की हो और विलेन की उनकी इमेज सामने न आए, ऐसा होना नामुमकिन है | जीवन साल 1987 में आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कह गए थे |
Jeevan Unknown Facts: जिक्र 70 और 80 के दशक की फिल्मों के विलेन का हो और जीवन का नाम कोई भूल जाए, ऐसा होना लाजिमी ही नहीं है | 24 अक्टूबर 1915 के दिन श्रीनगर में जन्मे जीवन का असली नाम ओंकार नाथ धार था | जब वह पैदा हुए, तब उनकी मां का निधन हो गया था | वह बचपन से ही एक्टिंग की दुनिया में आना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार वाले इसके लिए तैयार नहीं थे | दरअसल, जीवन का परिवार काफी बड़ा था | वह अपने 24 भाई-बहन में सबसे छोटे थे | जब जीवन महज तीन साल के थे, उस वक्त उनके पिता का भी निधन हो गया था |
सपना पूरा करने के लिए छोड़ा था घर |
जब घरवाले उनके एक्टिंग के सपने को पूरा करने के लिए राजी नहीं हुए तो जीवन ने घर छोड़ दिया , वह भागकर मुंबई पहुंच गए , कहा जाता है कि उस वक्त उनकी जेब में महज 26 रुपये थे | उस वक्त उनकी उम्र महज 18 साल थी |
करियर के शुरुआती दिनों में जीवन को काफी संघर्ष करना पड़ा | उन्हें एक स्टूडियो में नौकरी मिली, जो उस जमाने के जाने-माने डायरेक्टर मोहनलाल सिन्हा का था |
एक्टिंग की दुनिया में ऐसे हुई जीवन की एंट्री
बता दें कि कुछ वक्त दौरान मोहनलाल को जीवन की इच्छा का पता चला | ऐसे में उन्होंने जीवन को अपनी फिल्म ‘फैशनेबल इंडिया’ में रोल दिया | इसके बाद जीवन को कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला , आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जीवन हीरो बनना चाहते थे, लेकिन कुछ वक्त बात ही उन्हें समझ आ गया कि हीरो बनना आसान नहीं है और उनका चेहरा भी हीरो लायक नहीं है | ऐसे में उन्होंने विलेन बनने पर अपना फोकस सेट कर लिया |
60 से ज्यादा फिल्मों में बने नारद |
गौरतलब है कि जीवन ने अपने जमाने की सभी धार्मिक फिल्मों में नारद मुनि का किरदार निभाया , आंकड़ों पर गौर करें तो उन्होंने 60 से ज्यादा फिल्मों में नारद मुनि का किरदार निभाया , जीवन ने एक बार खुद कहा था कि अगर स्वर्ग से नारद मुनि आ जाएं तो उन्हें अपना डुप्लिकेट मानेंगे , बता दें कि 10 जून 1987 के दिन उनका निधन हो गया था |
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