IT छूट: निजी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, लीव इनकैशमेंट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई है |
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सीबीडीटी ने बयान में कहा गया, बजट अभिभाषण, 2023 में किए गए प्रस्ताव के अनुरुप केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट की बढ़ी हुई सीमा 1 अप्रैल 2023 से 25 लाख रुपये तक अधिसूचित किया है।
केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट सीमा बढ़ा दी है। इसके तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर लीव एनकैशमेंट के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है। पहले यह सीमा तीन लाख रुपये की थी। इसे 2002 में तय किया गया था, जब सरकारी क्षेत्र में उच्चतम मूल वेतन 30,000 रुपये प्रति माह ही हुआ करता था। नई सीमा एक अप्रैल, 2023 से लागू हो गई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को कहा, धारा 10(10एए)(2) के तहत आयकर से छूट प्राप्त कुल राशि 25 लाख रुपये की सीमा से अधिक नहीं होगी। यह भुगतान एक गैर-सरकारी कर्मचारी को एक से ज्यादा नियोक्ता से मिलता है। फरवरी, 2023 में पेश इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति या लीव एनकैशमेंट पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया था।
गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप में 21 देशों से आने वाले निवेश पर नहीं लगेगा एंजेल टैक्स
वित्त मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित 21 देशों को अधिसूचित किया है, जहां से गैर सूचीबद्ध भारतीय स्टार्टअप में अनिवासी निवेश पर एंजेल टैक्स नहीं लगेगा। सूची में सिंगापुर, नीदरलैंड व मॉरीशस जैसे देशों के निवेश शामिल नहीं हैं। अधिसूचना एक अप्रैल से लागू है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 में एंजेल टैक्स नेट के तहत डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को छोड़कर गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को विदेशी निवेश के तहत लाया था। स्टार्टअप और वेंचर कैपिटल उद्योग ने कुछ विदेशी निवेशक वर्गों के लिए छूट मांगी थी। आयकर लगाने के उद्देश्य से गैर-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में अनिवासी निवेश के मूल्यांकन के लिए सीबीडीटी दिशानिर्देश भी ला सकता है। मौजूदा नियमों के तहत, केवल घरेलू निवेशकों में निवेश पर ही उचित बाजार मूल्य से अधिक कर लगता था।
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