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    April 18, 2025

    अंतरिक्ष में कैसे जुड़कर एक हो जाएंगे भारत के दो सैटेलाइट, ISRO ने दिखाई झलक!

    1 min read
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    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक एनिमेशन वीडियो रिलीज किया है जिसमें स्पेडेक्स मिशन के दौरान कैसे दो सैटेलाइट अंतरिक्ष में जुड़ेंगे, यह दिखाया गया है. सैटेलाइट डॉकिंग की क्षमता हासिल करने का यह मिशन 30 दिसंबर 2024 को लॉन्च किया जाएगा.

    PSLV-C60 पर सवार होकर भारत का स्पेडेक्स मिशन (SPADEX) सोमवार (30 दिसंबर 202) को अंतरिक्ष में जाएगा. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV C60/SPADEX Mission को रात 9.58 बजे लॉन्च किया जाएगा. भारत इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ की क्षमता हासिल करना चाहता है. यह दो सैटेलाइट्स या उपकरणों को अंतरिक्ष में जोड़कर नया ढांचा बनाने की प्रक्रिया है.

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें एनिमेशन के जरिए डॉकिंग को दिखाया गया है. दोनों सैटेलाइट्स अलग-अलग लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष में किस तरह जुड़कर एक हो जाएंगे, आप खुद देख लीजिए.

    ISRO का SpaDeX मिशन क्या है?
    SpaDeX मिशन का मुख्य उद्देश्य दो छोटे अंतरिक्ष यानों (SDX01 Chaser और SDX02 Target) के बीच डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना है. ये दोनों सैटेलाइट लो-अर्थ सर्कुलर ऑर्बिट में परिक्रमा करते समय जुड़ेंगे.

    स्पेडेक्स मिशन की लॉन्चिंग कैसे होगी?
    SpaDeX मिशन में दो छोटे अंतरिक्ष यान होंगे, जिनका वजन लगभग 220 किलोग्राम है. इन्हें PSLV-C60 रॉकेट के माध्यम से एक साथ 470 किमी की ऊंचाई पर 55° की झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया जाएगा. लॉन्च के बाद, दोनों यान आपस में 10-20 किमी की दूरी बनाते हुए एक दूसरे से धीरे-धीरे नजदीक आएंगे. इस प्रक्रिया में लक्ष्य यान (Target) और चेजर यान (Chaser) के बीच की गति को नियंत्रित किया जाएगा, जिससे डॉकिंग प्रक्रिया पूरी हो सके.

    SpaDeX मिशन में डॉकिंग के लिए एक लो-इंपैक्ट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जिसका मकसद चेजर और टारगेट यान को एक दूसरे के साथ बिना किसी नुकसान के जोड़ना है मिशन में कई पेलोड्स भी होंगे, जिनमें एक हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और एक मिनिएचर मल्टी-स्पेक्ट्रल पेलोड शामिल हैं. कैमरा SDX01 यान में लगा होगा, जो प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पति की निगरानी के लिए काम करेगा. SDX02 यान में एक रेडिएशन मॉनिटर भी लगाया गया है, जो अंतरिक्ष में रेडिएशन की मात्रा मापेगा.

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