IREDA IPO: इरेडा को आईपीओ लाने की कैबिनेट से मिली मंजूरी, सरकार बेचेगी अपनी हिस्सेदारी |
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सरकार नए इक्विटी शेयर जारी कर भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के लिए फंड जुटाने में मदद करेगी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) लिस्टिंग प्रोसेस को आगे बढ़ाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इरेडा आगामी वित्तीय वर्ष (2023-24) में कैपिटल मार्केट में उतरेगा।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनियों को वित्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित सरकारी कंपनी भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) को एक बार फिर प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आइपीओ) लाने की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने वाली इस कंपनी में सरकारी की हिस्सेदारी है।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनियों को वित्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित सरकारी कंपनी भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) को एक बार फिर प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आइपीओ) लाने की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने वाली इस कंपनी में सरकारी की हिस्सेदारी है।
केंद्र ने शुक्रवार को सरकार की हिस्सेदारी की आंशिक बिक्री और धन जुटाने के लिए नए इक्विटी शेयरों द्वारा आईपीओ के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंजों पर इरेडा को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) लिस्टिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इरेडा आगामी वित्तीय वर्ष (2023-24) में कैपिटल मार्केट में उतरेगा।
इरेडा को इससे पहले वर्ष 2017 में भी आईपीओ लाने की इजाजत दी गई थी। सरकार की तरफ से बताया गया है कि मार्च, 2022 में इरेडा में 1500 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला किया गया था। इससे कंपनी के पूंजी ढांचे में बदलाव आया है जिसकी वजह से इसके लिए आइपीओ लाना जरूरी हो गया है।
सरकार का यह निर्णय जून 2017 में भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) को आईपीओ के माध्यम से बुक-बिल्डिंग के आधार पर जनता के लिए 10 रुपये के 13.90 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी करने की अनुमति देने के सीसीईए के पहले के फैसले का स्थान लेगा। बुक बिल्डिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक वित्तीय संस्थान उस मूल्य का निर्धारण करता है जिस पर प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) में शेयरों को बेचा जाना चाहिए।
आईपीओ सरकार के निवेश की वैल्यू को अनलॉक करने में मदद करेगा और जनता को नेशनल असेट्स में हिस्सेदारी हासिल करने और इससे कमाई करने का अवसर देगा। इसके अलावा, यह इरेडा को सरकारी खजाने पर निर्भर हुए बिना विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए अपनी पूंजी की आवश्यकता का एक हिस्सा बढ़ाने में मदद करेगा।
बता दें कि इरेडा वर्तमान में भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली मिनी-रत्न कैटेगिरी की कंपनी है, जिसे 1987 में स्थापित किया गया था और यह भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) और एनर्जी एफिशिएंसी (ईई) प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंस का काम करती है।
इरेडा को हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) का दर्जा दिया है। आईएफसी का दर्जा मिलने के बाद भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) अब आरई वित्तपोषण (RE Financing) के लिए उच्च जोखिम ले सकता है। आईएफसी का दर्जा कंपनी को फंड जुटाने के लिए एक व्यापक निवेशक आधार तक पहुंचने में मदद करेगा, जिसके परिणामस्वरूप धन उगाही करने के लिए प्रतिस्पर्धी दरें होंगी।
इरेडा को आईएफसी के रूप में मान्यता मिलने से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और इसकी ब्रांड वैल्यू भी बढ़ेगी और बाजार में सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा होगा। आईएफसी का दर्जा मिलना इरेडा के 36 वर्षों के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और नवीकरणीय ऊर्जा के केंद्रित विकास की मान्यता है।
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