टैक्स-छूट और बेहतर रिटर्न के लिए ELSS में करें निवेश:1 साल में मिला 26% से ज्यादा का फायदा, जानें इससे जुड़ी खास बातें।
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वित्त वर्ष 2023-24 के 5 महीने बीत चुके हैं, ऐसे में अब आपने अब तक टैक्स सेविंग्स प्लानिंग नहीं की है तो इसे जितना जल्दी हो शुरू कर देना चाहिए। अगर आप टैक्स बचाने के साथ निवेश पर अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS सही विकल्प साबित हो सकता है। ELSS कैटेगिरी के कई फंड्स ने बीते 1 साल में 26% से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट
ELSS स्कीम में एक वित्त वर्ष में आप 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यानी ये 1.5 लाख रुपए आपकी कुल टैक्सेबल इनकम से घट जाएंगे।
3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता है
ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता है, यानी आप जो पैसा इसमें इन्वेस्ट करेंगे वो 3 साल बाद ही निकाल सकेंगे। यह इस स्कीम का एक बहुत ही अच्छा फीचर है। अन्य स्कीम्स की तुलना में इसका लॉक-इन पीरियड काफी कम है। हालांकि, यह लॉक इन पीरियड समाप्त होने के बाद निवेशक इसे जारी रख सकता है। ELSS में लम्बे समय के लिए निवेश करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
ELSS में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP या सिप) के जरिए 500 रुपए से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। वहीं अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। निवेशकों को इन फंड में दो तरह के ऑप्शन मिलते हैं। इनमें पहला है ग्रोथ और दूसरा है डिविडेंड पे आउट। ग्रोथ ऑप्शन में पैसा लगातार स्कीम में रहता है।
SIP के जरिए निवेश करना सही रहेगा
एक्सपर्ट्स के अनुसार म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाय सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP द्वारा निवेश करना चाहिए। SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट इसमें लगाते हैं। इससे रिस्क और कम हो जाता है, क्योंकि इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता।
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