अक्षय तृतीया के दिन राम दरबार में मूर्तियों की स्थापना, जून में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा- चंपत राय.
1 min read
|








अयोध्या में स्थित राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. मंदिर के महासचिव चंपत राय ने प्रेसवार्ता कर राम मंदिर निर्माण को लेकर जानकारी साझा की है.
अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर एक और ऐतिहासिक पड़ाव की ओर बढ़ रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आज प्रेसवार्ता कर बताया कि राम दरबार समेत सप्त मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. 30 अप्रैल अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर राम दरबार की मूर्तियां प्रथम तल पर स्थापित की जाएंगी और जून महीने में भव्य तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा.
प्रथम तल पर स्थित परकोटा में छह मंदिरों की स्थापना की जाएगी, जिनमें सूर्य देव, भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणपति और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं. इसके अतिरिक्त शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की, जबकि सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषाद राज, शबरी और अहिल्या की मूर्तियां स्थापित होंगी.
जयपुर से मकराना मार्बल की मूर्तियां लाने की तैयारी
चंपत राय ने बताया कि सभी मूर्तियों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और उनके श्रृंगार हेतु वस्त्र व आभूषण तैयार किए जा रहे हैं. ये सभी मूर्तियां सफेद मकराना मार्बल से बनी हैं. 15 अप्रैल के बाद इन मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या लाया जाएगा और मूर्तियों के पहुंचते ही उन्हें उनके निर्धारित स्थानों पर स्थापित किया जाएगा.
30 अप्रैल अक्षय तृतीया को राम दरबार की मूर्तियां गर्भगृह में स्थापित कर दी जाएंगी. इसके बाद जून महीने में ट्रस्ट के सभी सदस्यों की उपस्थिति में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें जलवास, अन्नवास, औषधिवास और शैय्या जैसे वैदिक अनुष्ठान होंगे.
मंदिर में प्रवेश करने के लिए 4 मुख्य द्वार बनाए जाएंगे
चंपत राय ने बताया कि जैसे ही मूर्तियों की स्थापना शुरू होगी, मंदिर के भीतर से सभी टावर क्रेन हटा दिए जाएंगे. इसका मतलब होगा कि मंदिर के आंतरिक निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है. उत्तर और दक्षिण दिशा में अधूरे परकोटे का निर्माण कार्य भी जल्द प्रारंभ किया जाएगा. परकोटा निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा.
राम मंदिर में चार प्रमुख द्वार बनाए जा रहे हैं. एक द्वार क्रॉसिंग 11, दूसरा क्रॉसिंग 3 और तीसरा रामजन्मभूमि का मूल प्रवेश द्वार होगा. इन द्वारों के नाम भारत की चार प्रमुख आध्यात्मिक परंपराओं रामानुज, शंकराचार्य, माधवाचार्य और रामानंदाचार्य के अनुसार रखे जाएंगे, जिससे संपूर्ण भारत की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बने.
मंदिर में गिलहरी की भी प्रतिकात्मक स्थापना की जाएगी
राम दरबार परिसर में तुलसीदास जी की मूर्ति की स्थापना पहले ही हो चुकी है. यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र का निर्माण भी पूरा हो रहा है. जहां 2-4 लाख श्रद्धालु तुलसीदास जी के दर्शन कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त प्रयागराज के पुरंदर दास और आंध्र प्रदेश के एक संत की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी. साथ ही गिलहरी की भी प्रतीकात्मक स्थापना की जाएगी, जो रामकाज में समर्पण का प्रतीक है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments