Indo-Pacific: न्यूजीलैंड ने कहा- हिंद-प्रशांत में महाशक्तियों के बीच संतुलन है भारत, रिश्तों को देंगे नई उड़ान |
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न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानैया महुता ने बुधवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने कहा, उन दोनों की बातचीत जलवायु करवाई , विशेष रूप से प्रशांत, कृषि, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में सहयोग और न्यूजीलैंड की श्रम आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित रही।
जीलैंड ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महाशक्तियों की होड़ में भारत को एक संतुलन बताया है। भारत के दौरे पर आईं न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानैया महुता ने कहा, हमारे दोनों देशों के बीच जो संबंध हैं, उसके व्यापार से परे भी बहुत लाभ हैं। हमें इसका पूरा फायदा उठाने के लिए यह पता लगाने की आवश्यकता है कि हमारे साझा हित कहां मौजूद हैं। उनका देश भारत के साथ अपने रिश्तों को नई ऊंचाई तक ले जाना चाहता है।
महुता ने बुधवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने कहा, उन दोनों की बातचीत जलवायु कार्रवाई, विशेष रूप से प्रशांत, कृषि, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में सहयोग और न्यूजीलैंड की श्रम आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित रही।
गौरतलब है कि भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही पिछले साल से द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहे हैं। इस सवाल पर कि क्या यूक्रेन पर रूस से हमले से दूसरे क्षेत्रों में भी इस तरह की कार्रवाई को बढ़ावा मिल सकता है, महुता ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड खुद को स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत में योगदान देने वालों के रूप में देखते हैं। इसका मतलब है कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की वकालत करने वाले अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए हमें एक साथ कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है।
इस कारण मजबूत संबंध चाहता है न्यूजीलैंड
महुता ने उन विभिन्न कारकों का भी जिक्र किया जिसकी वजह से न्यूजीलैंड भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है। इसमें भारत का आर्थिक विकास, तेजी से विकास हो तकनीकी क्षेत्र और उनके देश में 2.40 लाख प्रवासी भारतीयों का योगदान प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत ने भी उनके देश के साथ मिलकर काम करने का संकेत दिया है।
बेहतर शिक्षा का मौका
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके देश में भारतीय छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा हासिल करने का भी अवसर है। भारत भी उनके देशों को बेहतर शिक्षा देने वाले देश के रूप में देखता है। भारत दूसरा ऐसा देश है जहां के सबसे ज्यादा बच्चे न्यूजीलैंड में पढ़ते हैं। 2019 में आईटी, हॉस्पिटालिटी, विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 17,223 थी।
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