‘कभी खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंतित था भारत, लेकिन आज बन गया फूड सरप्लस कंट्री’.
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खाद्य सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण दौर था…
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार जब भारत ने इस सम्मेलन की मेजबानी की थी, तब उसे आजादी मिले ज्यादा समय नहीं हुआ था. वह दौर देश में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण दौर था. उन्होंने कहा, ‘भारत अब एक फूड सरप्लस कंट्री बन गया है. भारत दुनिया में दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके अलावा, भारत खाद्यान्न, फल, सब्जी, कपास, चीनी और चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया है.’
70 देशों के करीब 1000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक दौर था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का सबब थी. अब, भारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है.’ एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया के 70 देशों के करीब 1,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. ‘इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिस्ट्स’ की तरफ से यह त्रिवार्षिक सम्मेलन 2 से 7 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है. इस साल सम्मेलन का विषय ‘सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर’ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले 10 साल में जलवायु परिवर्तन के प्रति कम संवेदनशील फसल की 1,900 नई प्रजातियां प्रदान की हैं. उन्होंने कहा कि भारत रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है. मोदी ने कहा कि देश पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिक्स करने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है. यह सम्मेलन वैश्विक कृषि चुनौतियों के प्रति भारत के सक्रिय दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेगा और कृषि अनुसंधान एवं नीति में देश की प्रगति को रेखांकित करेगा.
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