12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त है; 1 लाख करोड़ का घाटा सहते हुए मध्यम वर्ग से मिलना।
1 min read
|








मोदी सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है।
आज यानी 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है और 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर दिया गया है। पिछले बजट में कर की दरें बढ़ाई गई थीं और इस बार सरकार से मध्यम वर्ग के लिए कुछ राहत भरे कदम उठाने की उम्मीद थी। ऐसा प्रतीत होता है कि इसे उठा लिया गया है। इस फैसले से सरकार के खजाने पर एक लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। हालांकि सरकार ने इसे बर्दाश्त किया और मध्यम वर्ग को यह तोहफा दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जब सरकार ने 2020 के बजट में नई कर प्रणाली पेश की थी, तो लोग इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि आयकरदाताओं को पुरानी कर प्रणाली नई कर प्रणाली की तुलना में बेहतर और अधिक लाभकारी लगी। लेकिन अब देश के 65 प्रतिशत से अधिक करदाताओं ने नई कर प्रणाली को स्वीकार कर लिया है। इसका मतलब यह है कि हर तीन में से दो व्यक्ति नई कर प्रणाली के तहत आयकर का भुगतान कर रहे हैं। पिछले वर्ष इस डेटा में कई बदलाव हुए हैं।
नई कर प्रणाली के अंतर्गत कर कैसे लगाया जाएगा?
0 से 4 लाख रुपये तक की आय – कोई कर नहीं
4 से 8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत कर
8 से 12 लाख रुपये तक की आय- 10 प्रतिशत कर
16 से 20 लाख रुपये तक की आय- 20 प्रतिशत कर
20 से 24 लाख रुपये या उससे अधिक की आय – 30 प्रतिशत कर
पुरानी कर प्रणाली कैसी है?
0 से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर: 0%
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की आय पर: 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच की आय: 20%
10 लाख से अधिक आय पर: 30%
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक पेश किया जाएगा। हम निर्यात क्षेत्र में एक योजना शुरू करेंगे। एमएसएमई को विदेश में टैरिफ समर्थन मिलेगा। अगले सप्ताह एक नया विधेयक पेश किया जाएगा। इन प्रत्यक्ष कर सुधारों के बारे में बाद में बताया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा बढ़ाएंगे।
टैक्स सलाहकार संजीव गोखले ने क्या कहा?
एक अविश्वसनीय प्रावधान किया गया है। किसी भी बजट में कभी भी इस तरह से आय को कर-मुक्त नहीं बनाया गया है। 12 लाख रुपये से अधिक की राशि पर कर लगाया जाएगा। साधारण वेतनभोगी कर्मचारियों पर 12 लाख रुपये तक कर नहीं लगेगा। आम आदमी के लिए यह सुखद झटका कहा जा सकता है। संजीव गोखले ने यह बात कही है।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments