इस गांव में हर बंदे के पास अपना हवाई जहाज, चीनी-चायपत्ती लाने के लिए भी प्लेन से जाते हैं लोग…अमीरी नहीं किस्सा कुछ और.
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घरों के बाहर कार, बाइक की पार्किंग तो आम बात है. जिसके घर के बाहर, जितनी मंहगी कार, उसकी हैसियत उतनी आंकी जाती है. लेकिन आज जिस गांव के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि वहां हर घर के आगे कार या बाइक नहीं बल्कि हवाईजहाज की पार्किंग होती है.
घरों के बाहर कार, बाइक की पार्किंग तो आम बात है. जिसके घर के बाहर, जितनी मंहगी कार, उसकी हैसियत उतनी आंकी जाती है. लेकिन आज जिस गांव के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि वहां हर घर के आगे कार या बाइक नहीं बल्कि हवाईजहाज की पार्किंग होती है. हर घर के सामने खुद की प्राइवेट जेट है…मोहल्ले में जहां तक आपकी नजर जाएगी, वहां तक आपको सिर्फ प्राइवेट जेट ही दिखेंगे. लोग चाय के लिए दूध चायपत्ती खरीदने भी अपनी प्राइवेट जेट से जाते हैं. फैमिली के साथ लंच या डिनर पर जाना हो तो भी लोग प्राइवेट जेट का ही इस्तेमाल करते हैं.
हर घर में प्राइवेट जेट
अमेरिका के कैलिफोर्निया के एल डोरैडो काउंटी के कैमरन एयर पार्क गांव एविएशन के लिए बेहद खास गांव है. इस गांव में रहने वाले हर शख्स के पास अपना प्राइवेट जेट है. गांव में करीब 124 घर हैं. हर घर के सामने अपनी-अपनी प्राइवेट जेट खड़ी है. अगर आप सोच रहे हैं कि गांव के लोग इतने अमीर है कि कार या बाइक के बदले जेट इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि ऐसा नहीं है.
पायलटों का गांव
इस गांव को साल 1963 में बसाया गया था. दरअसल सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका में पायलटों की संख्या काफी ज्यादा हो गई थी. युद्ध के लिए बहुत से एयरफिल्ड बनाए गए थे. युद्ध खत्म होने के बाद उन्हें बंद नहीं किया गया. सरकार ने इन एयरफिल्ड को रेसिडेंशियल एयर पार्क के तौर पर छोड़ दिया गया. बाद में सरकार ने इन इलाकों में रिटायर्ड पायलटों को बसाने का फैसला किया. ऐसा ही एक एयरफिल्ड कैलिफोर्निया में कैमरून एयरपार्क है, जहां हर परिवार के पास अपना प्राइवेट जेट है.
खुद प्लेन उड़ाते हैं लोग
इस गांव में ज़्यादातर लोग रिटायर्ड पायलट हैं, इसलिए वो अपने प्लेन भी खुद ही उड़ाते हैं. एयरफिल्ड होने की वजह से जहां की सड़कें भी इसी तरह से बनाई गई है. जहां से प्लेनों को उड़ाया जा सके. लोगों के घरों में गैरज के बजाए हेंगर होते हैं. यरहां की चौड़ी सड़कें रनवे की तरह काम करती है. कैमरून एयरपार्क की सड़कों पर लगने वाले साइन बोर्ड और लेटरबॉक्स को भी नीचे लगाया जाता है, ताकि प्लेन उड़ाने में दिक्कत न हो. सोशल मीडिया पर इस गांव की तस्वीरें और वीडियो वायरल होती रहती है, सड़कों के किनारे पार्क प्लेन देखकर हैरानी होती है.
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