अपनों का साथ मिल जाए तो हमे उत्साह और हौसला मिलता है, और हम असंभव भी संभव कर दिखाते है – आनंद यादव
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आनंद यादव ने मराठी माणूस की ताकद दिखाई और बन गए बडे उदयमी
कोल्हापुर के पन्हाळा तहसील में एक छोटासा गाव है बच्चे सावर्डी जहाॅ आनंद यादव ने अपना बचपन बितायाॅ और वहीसें अपने जिवन की शुरूआत की, पढाई करने के बाद, वे पुणे में आये और 2007 में खेड सिटी के कल्याणी गृप में साईट इंजिंनीयर के ओहदे से काम करने लगे! उस समय उन्हें बाबासाहेब कल्याणी जी का मार्गदर्शन मीला, वही से झिरो से काम करने की उन्हें प्रेरणा मिली!
कडी मेहनत, लगन, इमानदारी और बडों का आशिर्वाद के साथ हो तो दुनिया में काईभी काम मुश्किल नही! उस समय नोकरी छोडकर खुद का व्यवसाय करने की सोच ने आनंद यादव जी की जिंदगी ही बदल दी, उस वक्त उनकी आर्थिक स्थिती अच्छी नही थी! वे अपना खुद का बिझनेस शुरू करनें में हिचर रहे थे! लेकीन उनके 3 दोस्तों नें 10 हजार रूपए निकाले और 30 हजार रूपये लेकर विश्वास के साथ उन्होंने बिझनेस की शुरूआत की, और आनंद जी देखते ही देखते 3 वर्षो में 1 करोड से अधीक का टर्नओवर करनेवाले बडे उदयमी बन गए!
जहाॅ वे रहते थे वहाॅ एमआयडीसी एरीया था, जिसका उन्हे काफी फायदा हुआ, क्योकी वहीसें उन्होंने फाउंडेशन सही माईने में शुरू कीया था! डरते डरते जब इस बिझनेस में कदम रखा तो उनकी दादी ने उनका हौसला बढायाॅ और उन्हे सकारात्मक उर्जा देती रही! वैसेही उनकी पत्नी ने हर मुश्किल घडी मे उनका साथ दिया! हर वक्त एक साए की तरह उनके साथ खडी थी उनकी पत्नी, उन्होंने आनंद जी को कभी निराश नही होने दिया! ना कभी रूकने दिया! अपनो के प्यार और साथ ने उन्हे उत्साह के साथ काम करने का हौसला दिया और आज वे एक सफल उदयोजक बन चुके है!
शुरूआत मे काफी लोग उन्हे कहा करते थे, मराठी माणूस कुछ नही कर सकता, उसे व्यापार करना नही आता है, लेकीन आनंद यादव ने उन सबकी बोलती बंद कर दी और आज काफी लोगों को रोजगार देनेवाले एक बडे उदयोजक के रूप में उनकी एक खास पेहचान बन चुकी है! हम रिसिल.इन की और से उन्हे ढेरसारी शुभकामनाए देते है!
लेखक : सचिन आर जाधव
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