‘मुट्ठी मजबूत है तो ताकत…’, NCP के दोनों गुटों के एक साथ आने पर सुनंदा पवार का बड़ा बयान
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने कहा कि अगर परिवार एकजुट है, तो इसकी ताकत बनी रहती है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कल (12 दिसंबर) शरद पवार से मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। बाद में शाम को खबरें आईं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार से मुलाकात की है. जहां राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि एनसीपी पार्टी के दोनों गुट एक हो जाएंगे, वहीं अब विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने बड़ा बयान दिया है. कल की चाचा-भतीजे की मुलाकात के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ”कल की मुलाकात पारिवारिक थी. शरद पवार 85वें साल में पदार्पण कर रहे हैं. तो सभी लोग उनका स्वागत करने आये। हर साल हम एक परिवार के रूप में शरद पवार से मिलते हैं। अब हमें एक परिवार के रूप में एक साथ आने की जरूरत है।”
पकड़ मजबूत हो तो मजबूती बनी रहती है
अजित पवार गुट और शरद पवार गुट के एक साथ आने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. सभी परिवारों में मतभेद होते हैं। मतभेद दूर होंगे. ये भविष्य में एक साथ आ सकते हैं। सुनंदा पवार ने कहा, मुझे लगता है कि उन्हें एक साथ आना चाहिए। “अगर मुट्ठी कड़ी हो तो उसकी ताकत बनी रहती है।” यदि हम बिखरे रहते हैं तो वह शक्ति कम हो जाती है। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि ये फैसला उन दोनों को लेना चाहिए कि किसी को किसी के साथ जाना चाहिए.
क्या शरद पवार आएंगे सत्ता में?
क्या अब शरद पवार को भी सत्ता में आना चाहिए? ऐसा ही एक सवाल सुनंदा पवार से भी पूछा गया. उन्होंने कहा, ”शरद पवार ने राजनीति में 60 साल बिताए हैं. ये फैसला पूरी तरह से उनका है. इसलिए मैं उन्हें नहीं बता सकता कि क्या करना है या क्या नहीं करना है।”
क्या रोहित पवार को पार्टी में मौका मिलना चाहिए? यह सवाल पूछे जाने पर सुनंदा पवार ने कहा कि सिर्फ रोहित पवार ही नहीं बल्कि पार्टी में जो अन्य युवा नेता हैं, उन्हें भी संगठन के काम की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इससे पार्टी बेहतर तरीके से खड़ी हो सकेगी. रोहित के साथ और भी युवा विधायक चुने गये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन नये चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए.
अजित पवार गुट की ओर से भी प्रतिक्रिया आयी
सुनंदा पवार की इस प्रतिक्रिया पर अजित पवार गुट की ओर से तुरंत जवाब आया है. विधान परिषद विधायक अमोल मिटकारी ने कहा, ”सुनंदा पवार की प्रतिक्रिया का स्वागत है. लेकिन इसके लिए थोड़ा देर हो चुकी थी. कुछ समय पहले शनमुखानंद में हुई बैठक में अजित पवार ने यही रुख रखा था. अब ये प्रतिक्रिया स्वाभाविक है. अजित पवार के नेतृत्व में 41 विधायक चुने गए हैं. एक लोकसभा और दो राज्यसभा सांसद. अगर वे ‘देर आये पर दुरूस्त आये’ के रूप में एक साथ आना चाहते हैं तो उन्हें अजीत पवार के नेतृत्व को स्वीकार करना चाहिए और एक साथ आना चाहिए।’
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