आईसीएआई ने इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों की समीक्षा की।
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आईसीएआई का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) कम्पनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि क्या वे लेखांकन मानकों, लेखापरीक्षा मानकों तथा कम्पनी अधिनियम, 2013 की दूसरी और तीसरी अनुसूचियों का अनुपालन कर रहे हैं।
नई दिल्ली: देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने गुरुवार को स्पष्ट संकेत दिया कि वह इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों की गहन समीक्षा कर सकता है, जिसमें 2,100 करोड़ रुपये की कथित लेखा विसंगतियां सामने आई हैं।
निजी क्षेत्र के बैंक ने 10 मार्च को खुलासा किया कि उसे अपने खातों में विसंगतियां मिली हैं, जिनमें डेरिवेटिव सौदों में घाटे को कम दर्शाया गया है। आंतरिक समीक्षा में कहा गया है कि इससे दिसंबर 2024 तक बैंक की शुद्ध संपत्ति का लगभग 2.35 प्रतिशत या लगभग 2,100 करोड़ रुपये प्रभावित हो सकता है। इस पृष्ठभूमि में, शीर्ष निकाय के अध्यक्ष चरणज्योत सिंह नंदा ने गुरुवार को एक समाचार एजेंसी को बताया कि, इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों की समीक्षा आईसीएआई के वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) द्वारा की जा सकती है। उन्होंने कार्रवाई की दिशा में एक कदम के रूप में ऐसी संभावना की ओर सक्रिय रूप से संकेत दिया। बेशक, बैंक ने 10 मार्च को यह भी स्पष्ट किया कि इन कथित लेखांकन अनियमितताओं की जांच एक तृतीय-पक्ष ऑडिटिंग फर्म द्वारा की जाएगी ताकि नुकसान की वास्तविक सीमा का पता लगाया जा सके। इस संगठन की रिपोर्ट अप्रैल के प्रारम्भ में आने की उम्मीद है।
आईसीएआई का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) कम्पनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि क्या वे लेखांकन मानकों, लेखापरीक्षा मानकों तथा कम्पनी अधिनियम, 2013 की दूसरी और तीसरी अनुसूचियों का अनुपालन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, बोर्ड यह भी आकलन करता है कि क्या लेखांकन एवं लेखापरीक्षा पर विभिन्न दिशा-निर्देशों तथा रिजर्व बैंक द्वारा जारी व्यापक परिपत्रों/निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
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