IEA Report: रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार भारत-चीन, मॉस्को से प्रतिदिन 20 लाख बैरल क्रूड खरीद रहा है नई दिल्ली।
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आईईए ने रिपोर्ट में कहा, भारी छूट वाले रूसी कच्चे तेल को मुख्य रूप से एशिया में नए खरीदार मिले हैं। भारत जहां पहले रूस से बहुत कम मात्रा में खरीदारी करता था, वहीं अब वह प्रतिदिन लगभग 20 लाख बैरल तेल खरीद रहा है।
दुनिया के शीर्ष तेल उपयोगकर्ताओं भारत और चीन ने मई में रूस का 80 फीसदी तेल खरीदा है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने रिपोर्ट में कहा, भारी छूट वाले रूसी कच्चे तेल को मुख्य रूप से एशिया में नए खरीदार मिले हैं। भारत जहां पहले रूस से बहुत कम मात्रा में खरीदारी करता था, वहीं अब वह प्रतिदिन लगभग 20 लाख बैरल तेल खरीद रहा है।
दूसरी ओर, चीन ने खरीदारी बढ़ाकर पांच लाख बैरल प्रतिदिन से 22 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है। रूस दोनों देशों को भारी छूट के साथ कच्चा तेल दे रहा है। मई में रूस के समुद्री कच्चे तेल का निर्यात औसतन 38.7 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद सबसे अधिक है। आईईए ने कहा, भारत और चीन के कुल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी क्रमश: 45 और 20 फीसदी रही। रूसी तेल का प्रमुख बाजार यूरोप था, जहां उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रूस का 90 फीसदी से अधिक तेल एशियाई देश खरीद रहे हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में 1.318 अरब डॉलर की आई गिरावट
इधर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 जून को समाप्त सप्ताह में 1.318 अरब डॉलर घटकर 593.749 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह में मुद्रा भंडार 5.93 अरब डॉलर बढ़ा था। आरबीआई के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 9 जून वाले सप्ताह में विदेशी मुद्रा संपत्ति 1.128 अरब डॉलर घटकर 525.073 अरब डॉलर रह गई। इस दौरान देश का सोने का भंडार भी 18.3 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 45.374 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया।
फेसलेस मूल्यांकन में सुधार के लिए एनएसी में बदलाव
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने शुक्रवार को कहा कि सीमा शुल्क में ‘फेसलेस’ मूल्यांकन में सुधार के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्रों (एनएसी) की भूमिका में बदलाव की जा रही है। जौहरी ने सीआईआई के कार्यक्रम में कहा कि सीमा शुल्क के फेसलेस मूल्यांकन में कुछ खामियां हैं। इन्हें दूर करने के लिए एनएसी की भूमिका को परिभाषित किया जा रहा है। सीबीआईसी ने आयातित वस्तुओं की निकासी के लिए सितंबर, 2022 में फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली शुरू की थी।
सुभाष चंद्रा व गोयनका को राहत देने से सैट का इन्कार
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका को सेबी के आदेश के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। सेबी ने सोमवार को चंद्रा व जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि. के प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद लेने की रोक लगा दी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने चंद्रा और गोयनका की अपील पर सुनवाई करते हुए बाजार नियामक को 48 घंटे में जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
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