प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बात करने से इनकार के बाद ममता बनर्जी का बयान, ‘मुझे कुर्सी नहीं चाहिए, इस्तीफा देने को तैयार हूं’
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प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से मिलने से इनकार कर दिया.
कोलकाता से आर. जी। कर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले से पूरा देश सदमे में है. इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, साथ ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। इस बीच पीड़िता के परिजनों के साथ अस्पताल के डॉक्टरों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा है. इस मामले में आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उचित सहयोग नहीं कर रही हैं. यह भी आरोप है कि मामले को दबाने के लिए पीड़ित परिवार और अन्य लोगों को पैसों का लालच दिया गया.
इस बीच प्रदर्शनकारी डॉक्टर को देखने पहुंचीं ममता बनर्जी से कोई मिलने नहीं आया. बनर्जी करीब दो घंटे तक पीड़ित परिवार, रिश्तेदारों और प्रदर्शनकारियों का इंतजार करते रहे. लेकिन, उनके सामने खाली कुर्सियों के अलावा कोई नहीं था। काफी देर तक इंतजार करने के बाद वे चले गये.
ममता बनर्जी सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को तीसरी बार बैठक के लिए बुलाया था. मुख्यमंत्री ने नबन्ना के सभागार में एक बैठक आयोजित की. लेकिन डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल उनसे नहीं मिला. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि चर्चा का सीधा प्रसारण किया जाए. हालांकि, ममता बनर्जी ने यह मांग नहीं मानी. इसलिए उन्होंने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया. हॉल से निकलते वक्त ममता बनर्जी ने कहा, मैं न्याय के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हूं.
ममता बनर्जी ने माफी मांगी और इस्तीफा देने की तैयारी जताई
इस बीच ममता बनर्जी ने राज्य की जनता से माफी मांगी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. इसमें उन्होंने जनता से माफी मांगी. उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं।’ उधर, प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि ”जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.”
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
ममता बनर्जी ने कहा, मैंने जूनियर डॉक्टरों से चर्चा करने की पूरी कोशिश की. मैंने तीन दिन तक उनका इंतजार किया. उन्हें एक बार आकर अपनी समस्या बतानी चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है. मुझे इन सबका बहुत दुख है. मैं देश और प्रदेश की जनता से माफी मांगती हूं. मुझे उन लोगों से कोई दिक्कत नहीं है जो इस आंदोलन का समर्थन करना चाहते हैं. मेरा मानना है कि आम नागरिकों को न्याय मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक डॉक्टरों को अब अपनी ड्यूटी पर लौट जाना चाहिए.
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