कैसे बनते हैं मौसम वैज्ञानिक? जानें पढ़ाई, सैलरी और मिलने वाली सुविधाएं।
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मौसम से जुड़ी हर खबर हमें मौसम वैज्ञानिकों द्वारा दी जाती है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है, एक मौसम वैज्ञानिक को कितनी सैलरी मिलती है और उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
मानसून ने उत्तर भारत में दस्तक दे दी है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं, तो कहीं सड़के पानी से लबालब हैं, जिस कारण पूरे शहर में जाम लगा हुआ है. आपने मौसम से जुड़ी ऐसी खबरें तो जरूर पढ़ी होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन हमें बताता है कि तापमान कितना रहेगा, बारिश कब होगी और मानसून कहां तक पहुंचेगा? दरअसल, ये सारी जानकारी हमें मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा मिलती है.
मौसम वैज्ञानिक कौन होते हैं?
मौसम वैज्ञानिक वे वैज्ञानिक होते हैं, जो पृथ्वी के वातावरण को स्टडी करते हैं. वे मौसम की भविष्यवाणी करते हैं, जलवायु परिवर्तन की भी स्टडी करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे तूफान, बाढ़ आदि के बारे में चेतावनी देते हैं.
अब सवाल यह आता है कि अगर किसी को मौसम वैज्ञानिक बनना हो, तो उसे कौन सी पढ़ाई करनी होगी. मौसम वैज्ञानिक बनने पर उसे कितनी सैलरी ऑफर की जाएगी और साथ ही उसे कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी? दरअसल, आपके इन सभी सवालों का जवाब नीचे विस्तार से दिया गया है.
मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए पढ़ाई
मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए निम्नलिखित शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता होती है:
1. 12वीं कक्षा: कक्षा 12वीं साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ) के साथ पास करना आवश्यक है.
2. ग्रेजुएशन डिग्री: मौसम विज्ञान (Meteorology), वातावरण विज्ञान (Atmospheric Sciences) या संबंधित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करें. इसके लिए आप निम्नलिखित विषय से जुड़े कोर्स कर सकते हैं:
– वायुमंडलीय भौतिकी (Atmospheric Physics)
– जलवायु विज्ञान (Climatology)
– मैथ (कैलकुलस, डिफरेंशियल इक्वेशंस)
– पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science)
– कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (Computer Programming)
3. पोस्टग्रेजुएशन डिग्री (ऑप्शनल): उच्च स्तर पर विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए मौसम विज्ञान में मास्टर डिग्री उपयोगी होती है. इससे रिसर्च या किसी खास इंडस्ट्री में काम करने के अवसर बढ़ जाते हैं.
4. पीएचडी (ऑप्शनल): रिसर्च या शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए मौसम विज्ञान या वातावरण विज्ञान में पीएचडी आवश्यक होती है.
5. सर्टिफिकेट: कुछ मौसम वैज्ञानिक, खासकर जो टीवी या रेडियो में काम करते हैं, पेशेवर संगठनों से सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, जैसे अमेरिका के American Meteorological Society (AMS) द्वारा सर्टिफिकेशन.
मौसम वैज्ञानिक की सैलरी
मौसम वैज्ञानिक (Meteorologist) की सैलरी उसके अनुभव, शिक्षा, स्थान, और किस सेक्टर (सरकारी, प्राइवेट, रिसर्च आदि) में काम करते हैं, इस पर निर्भर करती है. सैलरी के कुछ सामान्य आंकड़े इस प्रकार हैं:
– एंट्री-लेवल मौसम वैज्ञानिक: शुरुआती स्तर पर मौसम वैज्ञानिकों की सैलरी 3.5 लाख से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष हो सकती है.
– मिड-कैरियर मौसम वैज्ञानिक: अनुभव के साथ सैलरी 6 लाख से 12 लाख रुपये प्रति वर्ष हो सकती है.
– सीनियर मौसम वैज्ञानिक: कई सालों का अनुभव होने पर सैलरी 12 लाख रुपये से 20 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है.
– विशेषज्ञ मौसम वैज्ञानिक: जो लोग खास क्षेत्रों में काम करते हैं, जैसे उड्डयन, ऊर्जा या अनुसंधान, उनकी सैलरी करीब 20 लाख रुपये से 30 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है.
सुविधाएं और वर्क एनवायरमेंट
मौसम वैज्ञानिकों को उनके कार्य स्थल और भूमिका के आधार पर सुविधाएं मिलती हैं.
1. वर्क एनवायरमेंट:
– सरकारी एजेंसियों (जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग) में, टीवी स्टूडियो, रिसर्च प्रयोगशालाओं, या प्राइवेट कंपनियों में काम कर सकते हैं.
– कुछ मौसम वैज्ञानिकों को फील्ड वर्क करना पड़ता है, जैसे तूफान का अध्ययन, जलवायु डेटा संग्रह, या पर्यावरणीय निरीक्षण.
2. टेक्नोलॉजी:
– मौसम वैज्ञानिक अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं, जैसे मौसम रडार, सैटेलाइट्स, सुपरकंप्यूटर, और जलवायु मॉडल्स, ताकि मौसम की भविष्यवाणी कर सकें और वातावरण का विश्लेषण कर सकें.
3. अन्य सुविधाएं:
– सरकारी लाभ: जो मौसम वैज्ञानिक सरकारी नौकरी करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, और अन्य सरकारी लाभ मिल सकते हैं.
– यात्रा के अवसर: कई मौसम वैज्ञानिकों को रिसर्च या पर्यावरण मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग जगहों की यात्रा का अवसर मिलता है.
– फ्लेक्सिबल वर्किंग टाइम: एकेडमिक या रिसर्च में कार्यरत मौसम वैज्ञानिकों को फ्लैक्सिबल वर्किंग टाइम या घर से काम करने की सुविधा भी मिलती है.
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