8वें वेतन आयोग में 2014 के बाद से ज्वाइन करने वाले सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी, यहां जानिए जवाब।
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कई लोगों के मन में ये सवाल है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की ज्वाइनिंग हाल फिलहाल के वर्षों में हुई है, उनकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है.
भारत सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, जिसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. इस आयोग के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की संभावना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
अब ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की ज्वाइनिंग हाल फिलहाल के वर्षों में हुई है, उनकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है. चलिए इस खबर में इसका जवाब तलाशते हैं.
पहले समझिए सैलरी बढ़ती कैसे है?
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है जिसका इस्तेमाल कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को संशोधित करने के लिए किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, लेकिन 8वें वेतन आयोग में इसे 2.28 से 2.86 के बीच रखे जाने की संभावना है. अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी.
नए कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी?
इसे ऐसे समझिए कि जब तक 8वां वेतन आयोग लागू नहीं हो जाता, तब तक केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली जितनी भी नौकरियां हैं, सभी में जो भी ज्वॉइनिंग होती है वह 7वें वेतन आयोग के आधार पर होती है. अब ऐसे में जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा तो वह सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगा, चाहे उनकी ज्वॉइनिंग 1 साल पहले हुई हो या 10 साल पहले.
महंगाई भत्ता (DA) का मर्जर
8वें वेतन आयोग में एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. यह निर्णय कर्मचारियों की सैलरी में और वृद्धि करेगा, क्योंकि DA का प्रतिशत बेसिक सैलरी के साथ जुड़ जाएगा. मौजूदा समय में, कर्मचारियों को 55 फीसदी DA मिलता है, जो उनकी बेसिक सैलरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाता है, तो उनकी कुल सैलरी में और वृद्धि होगी.
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