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    April 20, 2025

    रतन टाटा अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए?

    1 min read
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    भले ही भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी सादगी और उनके विचार आज भी लोगों को याद हैं। जानें रतन टाटा अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए।

    भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन उनका काम और उनके विचार आज भी सभी के दिलों में गूंजते हैं। बुधवार, 28 दिसंबर को रतन टाटा की 86वीं जयंती है। वह देश के सबसे सम्मानित उद्योगपति थे। 1937 में मुंबई में जन्मे रतन टाटा अपनी सादगी और विनम्रता के लिए जाने जाते थे। उन्हें भारत के सबसे विनम्र व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता था। एक बिजनेस टाइकून होने के अलावा रतन टाटा एक प्रेरक वक्ता भी थे। रतन टाटा अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए?

    कुल संपत्ति कितनी है?
    रतन टाटा ने 100 से अधिक देशों में 30 से अधिक टाटा-स्वामित्व वाली कंपनियों का प्रबंधन संभाला है। 2022 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,800 करोड़ रुपये थी। इससे वह उस समय दुनिया के 421वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गये। रतन टाटा भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक थे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने महत्वपूर्ण प्रगति की। वह 1991 से 2012 तक दो दशक से अधिक समय तक टाटा संस समूह के अध्यक्ष रहे। सेवानिवृत्ति के बाद भी वह टाटा ट्रस्ट के माध्यम से परोपकारी कार्यों में लगे रहे।

    2.5 करोड़ रुपए वेतन
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा को सालाना 2.5 करोड़ रुपए सैलरी मिल रही थी। उनकी आय में टाटा संस में उनकी छोटी निजी हिस्सेदारी से प्राप्त लाभांश भी शामिल था। उनकी अधिकांश आय धर्मार्थ कार्यों और स्टार्टअप्स में निवेश पर खर्च होती थी। इसमें पेटीएम और ओला भी शामिल हैं।

    टाटा ट्रस्ट को दी गई संपत्ति
    टाटा समूह के अध्यक्ष ने अपनी संपत्ति टाटा ट्रस्ट को दे दी है। ट्रस्ट के पास टाटा संस में दो-तिहाई हिस्सेदारी है। टाटा संस से प्राप्त लाभांश का लगभग 60% धर्मार्थ कार्यों के लिए आवंटित किया जाता है। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट्स ने असम, झारखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 10 कैंसर देखभाल सुविधाएं विकसित और प्रचारित कीं। ये सुविधाएं गरीब लोगों को विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करती हैं।

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