मेट्रो में कितने टन का होता है AC? तपती गर्मी में भी देता है कश्मीर जैसी ठंडक।
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मेट्रो में जबरदस्त AC यानी एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगा होता है, जो तपती गर्मी में भी कश्मीर जैसी ठंडक देता है. ये इतना इफेक्टिव होता है कि थोड़ी ही देर में पसीने को सूखा देता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मेट्रो में कौन सा AC होता है और यह इतना इफेक्टिव कैसे होता है. आइए आपको बताते हैं.
आज के समय में देश के ज्यादातर शहरों में मेट्रो ट्रेन आ गई है और कई शहरों में मेट्रो पर काम चल रहा है. मेट्रो को शहर के अंदर ट्रैवल करने के लिए सबसे आसान और तेज तरीका माना जाता है. मेट्रो में जबरदस्त AC यानी एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगा होता है, जो तपती गर्मी में भी कश्मीर जैसी ठंडक देता है. ये इतना इफेक्टिव होता है कि थोड़ी ही देर में पसीने को सूखा देता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मेट्रो में कौन सा AC होता है और यह इतना इफेक्टिव कैसे होता है. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
कितने टन का होता है AC?
मेट्रो के डिब्बों में आमतौर पर सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगा होता है. इसका मतलब है कि एक ही यूनिट से पूरे डिब्बे को ठंडा किया जाता है. इस सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम की क्षमता करीब 12 टन की होती है, जो कि मेट्रो के डिब्बे को ठंडा रखने के पर्याप्त होता है. यह इतना कारगर होता है कि 45-50 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर् भी मेट्रो के डिब्बे के टेम्परेचर को 22-25 डिग्री पर मेंटेन करता है.
मेट्रो में लगे AC के फायदे
मेट्रो में इस्तेमाल होने वाला सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम करीब 42 किलोवाट बिजली का इस्तेमाल करता है. यह सिस्टम कई छोटे-छोटे एसी यूनिट्स की तुलना में ज्यादा बेहतर होता है और यह सुनिश्चित करता है कि पूरे डिब्बे में तापमान एक जैसा रहे. इससे जबरदस्त कूलिंग होती है और मेट्रो का डिब्बा थोड़ी ही देर में पूरी तरह से ठंडा हो जाता है. यह एसी हवा को भी फिल्टर करता है और यात्रियों को आरामदायक महसूस कराता है.
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