वक्फ विधेयक पर सदन की कार्यवाही सुबह तक जारी; स्पीकर जगदीप धनखड़ ने कहा, “यह दुर्लभ…”
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लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आधी रात को भी जारी रही।
वक्फ संशोधन विधेयक पर इस समय पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, एनडीए और भारत गठबंधन के नेताओं के बीच गरमागरम राजनीति देखने को मिल रही है। इसके बाद आखिरकार वक्फ संशोधन विधेयक दोनों सदनों में पारित हो गया। लोकसभा में यह विधेयक दो अप्रैल की मध्य रात्रि को पारित हुआ, जबकि राज्यसभा में यह विधेयक तीन अप्रैल को तड़के ढाई बजे पारित हुआ। इस बीच दोनों सदनों में इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी दोनों सदनों में लंबी चर्चा हुई। इन चर्चाओं के लिए लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही आधी रात को भी जारी रही। यह विधेयक 3 अप्रैल को प्रातः 2.30 बजे राज्य सभा में पारित हुआ। इसके बाद सदन में इस विधेयक पर प्रातः 4 बजे तक चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही प्रातः 4 बजे स्थगित कर दी गई तथा अगले दिन 4 अप्रैल को प्रातः 11 बजे पुनः शुरू होगी।
दरअसल, ऐसा बहुत कम ही हुआ है कि संसद की कार्यवाही आधी रात तक चली हो। इस पृष्ठभूमि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक दुर्लभ मामला है। स्पीकर जगदीप धनखड़ ने कहा, “सदन को सुबह 4 बजे तक खुला रखा गया था। अब कार्यवाही सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगी। इसलिए यह एक दुर्लभ घटना है।”
वक्फ विधेयक राज्यसभा में कितने मतों से पारित हुआ?
लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी 12 घंटे की बहस के बाद गुरुवार (3 अप्रैल) को 2.30 बजे वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इस बार वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 95 वोट पड़े। समझा जाता है कि यह विधेयक अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया गया है और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
वक्फ बिल पर मोदी की प्रतिक्रिया क्या थी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों में वक्फ विधेयक पारित होने के बाद ट्वीट कर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित होना सामाजिक और आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह विधेयक विशेष रूप से उन लोगों की मदद करेगा जो लंबे समय से हाशिए पर हैं। जिसके कारण वे अवसरों से वंचित रहे हैं। मैं सभी सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने संसदीय समिति की चर्चा में भाग लिया और कानूनों को मजबूत बनाने में योगदान दिया।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसदीय समिति को अपने बहुमूल्य विचार भेजने वाले असंख्य लोगों का विशेष धन्यवाद। इसने एक बार फिर व्यापक चर्चा और संवाद के महत्व को उजागर किया है। दशकों से वक्फ व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव था। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचा है। संसद द्वारा पारित कानून पारदर्शिता बढ़ाएंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।”
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