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    May 12, 2025

    हिंदी दिवस 2024: राष्ट्रीय भाषा के समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का उत्सव।

    1 min read
    😊

    देश मना रहा है हिंदी दिवस 2024, भाषा की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प।

    आज, 14 सितंबर 2024 को, भारत हिंदी दिवस मना रहा है, जो देश की सांस्कृतिक और प्रशासनिक संरचना में हिंदी भाषा की भूमिका को समर्पित एक विशेष दिन है। इस दिन का महत्व इस तथ्य में निहित है कि आज ही के दिन, 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया था। यह दिन प्रतिवर्ष हिंदी के महत्व को उजागर करने और भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

    ऐतिहासिक महत्व: हिंदी, जिसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है, को आधिकारिक रूप से 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा घोषित किया गया था। यह निर्णय देश की व्यापक भाषाई विविधता के बीच एक समान भाषा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। हिंदी को एक एकीकृत माध्यम के रूप में देखा गया, जो देश की अधिकांश जनता का प्रतिनिधित्व करती है, क्योंकि यह भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

    मुख्य आयोजन: देशभर में विभिन्न सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं। इनमें शामिल हैं:

    कविता और निबंध प्रतियोगिताएँ, जो छात्रों को हिंदी भाषा की महत्ता समझाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं।
    संगोष्ठियाँ और व्याख्यान, जिनमें स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी की ऐतिहासिक भूमिका और समकालीन संदर्भों पर विचार विमर्श हो रहा है।
    हिंदी साहित्य में योगदान देने वाले प्रमुख साहित्यकारों और कवियों को पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।
    हिंदी भाषा की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, जिनमें संगीत, नृत्य और नाटक शामिल हैं, हिंदी के कला और मनोरंजन में योगदान को प्रदर्शित करती हैं।
    सरकारी पहल: इस अवसर पर भारत सरकार ने हिंदी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बढ़ावा देने के अपने संकल्प को पुनः व्यक्त किया है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने देश को संबोधित करते हुए युवा पीढ़ी को हिंदी अपनाने और सम्मान करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर की आत्मा है, जो भारत की विविधताओं को एक सूत्र में बांधती है।”

    सरकारी कार्यालयों और मंत्रालयों में आधिकारिक संवाद में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। कई पुरस्कार और मान्यता कार्यक्रम उन व्यक्तियों और संगठनों को समर्पित हैं जो हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

    वैश्विक प्रभाव: हिंदी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है, जिसे मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद और टोबैगो, गुयाना, सूरीनाम आदि देशों में लाखों लोग बोलते हैं। हिंदी दिवस के अवसर पर दुनिया भर के भारतीय दूतावासों द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो हिंदी भाषा और इसके सांस्कृतिक प्रभाव का जश्न मना रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने हिंदी सीखने की इच्छा रखने वाले भारतीय प्रवासियों और विदेशी नागरिकों के लिए हिंदी शिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की योजनाएँ शुरू की हैं।

    सांस्कृतिक प्रभाव: प्रशासनिक महत्ता से इतर, हिंदी ने भारतीय सिनेमा, साहित्य और संगीत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बॉलीवुड, हिंदी फिल्म उद्योग, ने हिंदी को कला और संस्कृति की एक वैश्विक भाषा बना दिया है। हिंदी साहित्य में भी प्रमुख योगदान हुआ है, जिसमें प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा जैसे प्रसिद्ध लेखकों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है।

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