उन्होंने अपने पिता से मिले 20,000 रुपए की मदद से अपना कारोबार शुरू किया और आज वह देश की एक मशहूर कंपनी के मालिक हैं।
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यह कंपनी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और टाटा समूह की टीसीएस के बाद चौथे स्थान पर है।
2024 में टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का मार्केट कैप चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ गया। हुरुन के 2024 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के अनुसार, इस कंपनी का मार्केट कैप पिछले साल सबसे ज्यादा बढ़ा। आज कंपनी का मार्केट कैप 9,26,433.31 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और यह भारत की चौथी सबसे मूल्यवान कंपनी है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और टाटा समूह की टीसीएस ही एयरटेल से आगे हैं। एयरटेल को अपनी यात्रा में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन कंपनी हर बार विजयी हुई। तो, आइए इस अवसर पर कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल के सफर के बारे में जानें…
सुनील भारती मित्तल का जन्म 23 अक्टूबर 1957 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था। उनके पिता सतपाल मित्तल दो बार सांसद रहे, लेकिन अपने पिता की तरह राजनीति में प्रवेश करने के बजाय सुनील ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मसूरी के बिनबर्ग स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की और बाद में पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक किया। प्रतिष्ठित कॉलेजों में पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने सफलता का असली सबक सड़कों से सीखा। सुनील ने अपने पिता से 20,000 रुपये उधार लिये और अपने दोस्त के साथ मिलकर साइकिल का व्यवसाय शुरू किया।
व्यापार में परेशानी
उन्होंने साइकिल के स्पेयर पार्ट्स बनाने की एक इकाई स्थापित की। महज तीन वर्षों में उन्होंने एक इकाई से तीन इकाइयां बना लीं। इस व्यवसाय में उन्हें लाभ तो हुआ, लेकिन सुनील को इसमें ज्यादा संभावना नजर नहीं आई। सुनील ने अपना साइकिल का व्यवसाय बेच दिया और बिजली उत्पादक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। 1983 में सरकार ने जनरेटरों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे सुनील के कारोबार को बड़ा झटका लगा। इसके बाद वे बीटल नामक फोन लेकर आए। वे इस फोन को ताइवान से आयात करते थे।
अंततः 1992 में उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव आया। सरकार पहली बार मोबाइल फोन सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी कर रही थी। उस समय सुनील मित्तल ने सेलुलर सर्किल लाइसेंस भी प्राप्त किया था। इसके बाद 1995 में सुनील ने भारती सेलुलर लिमिटेड (बीसीएल) की स्थापना की। वे एयरटेल ब्रांड को इसमें लेकर आये। 2008 तक एयरटेल उपभोक्ताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो गयी थी। इसके साथ ही एयरटेल दुनिया की सर्वश्रेष्ठ दूरसंचार कंपनियों में से एक बन गई।
जियो की चुनौती
लेकिन 2016 में भारत और एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने दूरसंचार क्षेत्र में शानदार प्रवेश किया। कंपनी मुफ्त वॉयस और डेटा सेवाएं दे रही थी, जिसके कारण कई कंपनियां बंद हो गईं; दूसरी ओर, वोडाफोन और आइडिया ने हाथ मिला लिया। एयरटेल के मुनाफे में भी काफी गिरावट आई थी और ग्राहकों की संख्या भी घट रही थी। लेकिन, एयरटेल ने समय के साथ खुद को बदला और आज कंपनी मजबूती के साथ खड़ी है।
सुनील मित्तल 22.5 अरब रुपये की कुल संपत्ति के साथ भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। भारती एयरटेल में उनकी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उनके पास भारती एंटरप्राइजेज और अन्य होल्डिंग कंपनियों में भी शेयर हैं। भारती एयरटेल का कारोबार 17 देशों में फैला हुआ है और इसके 490 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। मित्तल के पास ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट में 50% हिस्सेदारी है।
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