एक घंटा भर तक बहस करता है, अगली सुनवाई में कोई दूसरा वकील आ जाता है… सुप्रीम कोर्ट ने खूब फटकारा।
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले में उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी को कड़ी फटकार लगाई. अलग-अलग मामलों में सुनवाई के दौरान, कुछ वकीलों पर भी अदालत का पारा चढ़ गया.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक वकील को कड़ी फटकार लगाई. वह उस मामले में फिर से बहस करने की कोशिश कर रहा था जिस पर बहस पूरी हो चुकी है. जस्टिस अभय ओका ने कहा, ‘ऐसा हर रोज हो रहा है, एक वकील इस कोर्ट का 1 घंटा समय लेकर बहस करता है और फिर अगली सुनवाई पर कोई और आकर फिर से बहस शुरू करना चाहता है. इसकी कभी भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मैंने हाईकोर्ट में ऐसा कभी नहीं देखा.’
PMLA मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा कि क्या पीएमएलए आरोपी जब्त किए गए दस्तावेजों का हकदार है, जिन पर अभियोजन पक्ष मुकदमा शुरू होने से पहले भरोसा नहीं कर रहा है. पीठ में जस्टिस न्यायमूर्ति अभय ओका, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह शामिल हैं.
सहारा मामले का ‘व्यवहारिक’ हल निकालें: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा विवाद (निवेशकों को रिफंड से जुड़ा मामला) का ‘प्रैक्टिकल’ हल निकालने का आह्वान किया. न्यायालय ने पक्षकारों से निम्नलिखित विवरण प्रस्तुत करने को कहा है:
सहारा की बंधक और गैर बंधक संपत्तियों की सूची
१.सहारा के वर्तमान निदेशकों की सूची
२.सहारा संपत्तियों की बिक्री के संबंध में रोडमैप
३.सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को फटकारा
सहारा मामले में अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट बिस्वजीत भट्टाचार्य की आवाज ऊंची हो गई. उन्होंने कहा था कि SEBI ने अवमानना की है. Bar and Bench के मुताबिक, भट्टाचार्य ने कहा कि ‘मैं कोर्ट का अधिकारी हूं! माननीय जज मुझे सुने बिना डिसमिस नहीं कर सकते.’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कृपया शांत हो जाइए. अपना निर्णय स्वयं मत सुनाइए. हम केवल आप पर आरोप लगा रहे हैं. यदि आप नहीं सुनेंगे तो हम कैसे निर्णय लेंगे; संतुलित निर्णय लेना, तर्कपूर्ण होने से कहीं अधिक कठिन है, जहां आप केवल तस्वीर का एक ही पक्ष प्रस्तुत करते हैं.’
‘इजरायल को हथियार बेचने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द हों’
इजरायल को हथियार सप्लाई करने वाली भारतीय कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाएं, एक जनहित याचिका (PIL) में सुप्रीम कोर्ट से यह गुहार लगाई गई है. वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर PIL में SC से केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह इजराइल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के लाइसेंस रद्द करे और नए लाइसेंस नहीं दे.
याचिका में रक्षा मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है और कहा गया है कि, ‘भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों से बंधा हुआ है, जो भारत को युद्ध अपराधों के दोषी देशों को सैन्य हथियार नहीं देने के लिए बाध्य करते हैं, क्योंकि किसी भी निर्यात का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए किया जा सकता हैं.’ यह जनहित याचिका 11 लोगों ने दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सीएम को फटकारा
सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में एक आईएफएस अधिकारी की नियुक्ति पर आपत्ति जताई. इस अधिकारी को पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ काटने के आरोप में उसके पद से हटा दिया गया था.
जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘हम सामंती युग में नहीं हैं, जहां जो भी राजा बोले… कम से कम जब उन्होंने अपने मंत्री और मुख्य सचिव से मतभेद व्यक्त किए तो उन्हें लिखित रूप में कारणों के साथ कुछ विवेक का प्रयोग करना चाहिए था. क्या वे सिर्फ इसलिए कुछ कर सकते हैं क्योंकि वे मुख्यमंत्री हैं? या तो उस अधिकारी को दोषमुक्त किया जाना चाहिए या विभागीय कार्यवाही समाप्त की जानी चाहिए. सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत नामक कोई चीज होती है.’
वरिष्ठ अधिवक्ता एएनएस नंदकर्णी राज्य सरकार की ओर से पेश हुए, और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास विवेकाधिकार है. पीठ ने मुख्यमंत्री से अपने आदेश में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा, लेकिन वकील ने कहा कि इसे दर्ज नहीं किया जा सकता है क्योंकि राज्य अगली सुनवाई के दौरान खुद ही स्पष्टीकरण देगा.
अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार सुबह चित्रकूट जेल में अपनी पत्नी से कथित तौर पर अवैध रूप से मिलने के मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई की. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि एक मामले में जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा पहले ही जमानत दी जा चुकी है. केवल एक मामला बचा है, फिर उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाएगा.
राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया गया कि मामले को सोमवार को रखा जाए क्योंकि ASG केएम नटराज कुछ व्यक्तिगत कठिनाई के कारण आज मौजूद नहीं हैं. इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.
PMLA से जुड़े फैसले की समीक्षा पर सुनवाई 18 को
SC 18 सितंबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने वाले विजय मंडनलाल फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने आज जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का जिक्र किया था.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ था?
१.सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से जानना चाहा कि क्या राजनयिक सामान को भारत में स्कैन किया जा सकता है या उन्हें तलाशी से छूट प्राप्त है.
२.SC ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह को अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
३.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की रजिस्ट्री ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कथित असंतोषजनक कामकाज की वजह से सेवा से बर्खास्त की गईं चार महिला दीवानी जजों को बहाल कर दिया गया है.
४.केंद्र ने मंगलवार को SC में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल में सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को साजो-सामान मुहैया करने में ‘अक्षम्य’ असहयोग कर रही है.
५.SC ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता रामबली सिंह को विधान परिषद के सदस्य के रूप में अयोग्य करार दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर बिहार विधान परिषद से जवाब मांगा.
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