भार्गवास्त्र के बारे में सुना है? महाभारत में है जिक्र.. अब भारत में बनकर हो गया तैयार।
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भार्गवास्त्र का नामकरण महाभारत से लिया गया है जहां यह एक दिव्यास्त्र के रूप में वर्णित है. आधुनिक भार्गवास्त्र भी उसी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. यहां यह भी समझेंगे कि कैसे इसे भारत का आयरन डोम कहा जा रहा है.
महाभारत की कथा अनंत है और इसका व्यापक प्रभाव भी भारतीय जन-मानस पर सदियों से दिखाई देता आ रहा है. महाभारत में जिन दिव्यास्त्रों का उल्लेख मिलता है वे चमत्कारिक तो थे ही साथ ही उनकी विनाशकारी शक्ति ने भी इतिहास में उन्हें अमर बना दिया. इन्हीं में से एक था भार्गवास्त्र, जिसका नामकरण महर्षि भार्गव परशुराम के नाम पर हुआ. अब इसी नाम को प्रेरणा मानते हुए भारत ने एक अत्याधुनिक माइक्रो-मिसाइल आधारित काउंटर-ड्रोन सिस्टम विकसित किया है. यह नया ‘भार्गवास्त्र’ आधुनिक युद्ध में देश की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार है.
कैसा है यह भार्गवास्त्र और क्यों है खास
दरअसल, भार्गवास्त्र एक मल्टी-लेयर काउंटर-ड्रोन सिस्टम है, जिसे ‘सोलर ग्रुप’ और ‘इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड’ द्वारा विकसित किया गया है. यह माइक्रो-मिसाइल तकनीक पर आधारित है, जो दुश्मन के ड्रोन्स और स्वार्म ड्रोन और झुंड में उड़ने वाले ड्रोन को पहचानकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है. यह सिस्टम 6 किलोमीटर की दूरी से छोटे ड्रोन्स को भी ट्रैक कर सकता है और 64 से अधिक माइक्रो-मिसाइल्स को एकसाथ फायर करने की क्षमता रखता है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी सटीकता और कम लागत है, जो इसे बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों से निपटने में प्रभावी बनाती है.
कैसे करेगा भार्गवास्त्र रक्षा प्रणाली में क्रांति?
भार्गवास्त्र ना सिर्फ दुश्मन के ड्रोन को सटीकता से निशाना बनाता है, बल्कि इसमें हार्ड-किल और सॉफ्ट-किल दोनों क्षमताएं हैं. हार्ड-किल के जरिए यह माइक्रो-मिसाइल्स से ड्रोन को भौतिक रूप से नष्ट करता है, जबकि सॉफ्ट-किल सिस्टम ड्रोन के संचार और नेविगेशन को बाधित करता है. यह प्रणाली मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जो इसे किसी भी इलाके यहां तक कि 5000 मीटर की ऊंचाई पर भी तैनात करने में सक्षम बनाती है.
क्या यह भारतीय आयरन डोम की ओर पहला कदम है?
कई डिफेन्स एक्सपर्ट्स इस नई प्रणाली को भारत के आयरन डोम की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं. आयरन डोम इजराजल का प्रसिद्ध रक्षा सिस्टम है, जो मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है. भार्गवास्त्र भी इसी तर्ज पर स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया है, जिससे यह भविष्य में देश की सीमा सुरक्षा को अभेद्य बनाने का वादा करता है. इजराजल का आयरन डोम शहरी और सामरिक परिसंपत्तियों को बचाने में सफल रहा है और भार्गवास्त्र को भी इसी श्रेणी में देखा जा रहा है.
यही है महाभारत से आधुनिक युद्ध तक की यात्रा
भार्गवास्त्र का नामकरण महाभारत से प्रेरित है जहां यह एक अत्यधिक विनाशकारी दिव्यास्त्र के रूप में वर्णित है. आधुनिक भार्गवास्त्र भी उसी विनाशकारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन यह शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. जैसे परशुराम ने अन्याय और अधर्म के नाश के लिए भार्गवास्त्र का उपयोग किया, वैसे ही यह आधुनिक तकनीकी हथियार भारत को आंतरिक और बाहरी खतरों से सुरक्षित रखने में सहायक होगा. भार्गवास्त्र केवल एक हथियार नहीं है बल्कि यह भारतीय रक्षा क्षेत्र में नई शुरुआत का प्रतीक है जो आने वाले समय में देश की सीमाओं को अजेय बनाएगा.
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