‘अग्निवीर’ को कूड़ा समझा है क्या?
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ठहरने की सही व्यवस्था न होने और ट्रांसपोर्ट में लापरवाही ने युवाओं के मन में प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ा दिया है.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हुई अग्निवीर भर्ती रैली में एक ऐसा दृश्य सामने आया है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश सेवा के लिए उत्साहित युवाओं को कचरे के ढेर की तरह कचरा गाड़ी में ठूंसा जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इन युवाओं को रेलवे स्टेशन से स्टेडियम तक, जहां भर्ती परीक्षा होनी थी, कचरा गाड़ी में भरकर ले जाया जा रहा है. यह दृश्य न केवल प्रशासन की उदासीनता बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता को दर्शाता है. देश के नौजवान देश की सेवा के लिए इतने उत्साहित हैं और उन्हें इस तरह अपमानित किया जाता है. कचरा गाड़ी में सवार होकर भर्ती स्थल पर पहुंच रहे इन युवाओं की भावनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है. 4 से 12 दिसंबर तक रायगढ़ स्टेडियम में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के पुरुष अग्निवीर उम्मीदवारों के लिए सभी श्रेणियों की भर्ती रैली का आयोजन किया गया है.
रायगढ़ प्रशासन ने रेलवे स्टेशन से भर्ती स्थल तक लाने ले जाने की निशुल्क व्यवस्था का दावा किया था, लेकिन ये नहीं बताया था ये निशुल्क सेवा कचरे की गाड़ी में की जाएगी. सेना में अपना भविष्य तलाशने के लिए आए युवाओं को नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी में भरकर लाया गया और फिर उन्हें सड़क पर ही लाइन लगाकर बैठा दिया गया. पूरी रात ये युवा सड़क पर ही बैठे रहे. आरोप है कि प्रशासन की तरफ से उनको भोजन तक उपलब्ध नहीं करवाया गया.
कूड़े की गाड़ी में भरकर पहुंचाए गए युवाओं का अपमान करने के बाद उन्हें फूल देकर सम्मानित भी किया गया. लाल बत्ती वाले माननीय अफसरों ने ढोल नगाड़ों के बीच गुलाब भेंट किये. अग्निवीर बनकर देश की सुरक्षा करने के जज्बे से आए युवाओं को कूड़े की गाड़ी में बैठा देना और फिर उन्हें फूल भेंट करना ये मजाक नहीं तो और क्या है? क्या युवाओं की यही हैसियत है? क्या युवा इसी तरह बेइज्जती झेलने के लायक हैं?
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